Rajat Sharma Blog: चीन के साथ जारी संघर्ष में यूं ड्रैगन की मदद की कोशिश कर रहा है पाकिस्तान
यदि आतंकवादी भारतीय सेना के काफिले पर एक और बड़ा हमला करने में कामयाब हो जाते, तो भारत को जवाबी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ता, जैसा कि उसने बालकोट में किया था।
कश्मीर में पुलवामा जैसे एक बड़े आतंकी हमले की साजिश गुरुवार को सुरक्षाबलों की मुस्तैदी के चलते नाकाम हो गई। भारतीय सेना के जवानों ने गदिकल के पास स्थित कारेवा में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के पास से 52 किलोग्राम विस्फोटक जब्त करके उनके नापाक मंसूबों पर पानी फेर दिया। इन विस्फोटकों को 416 पैकेटेस में छिपाकर पानी की 2 टंकियों में डुबो दिया गया था। सेना के सूत्रों ने बताया कि आतंकवादियों ने ओवरग्राउंड वर्कर्स की मदद से विस्फोटकों के इन पैकेट्स को घाटी में डिस्ट्रिब्यूट किया था ताकि पुलवामा में एक बड़े आतंकी हमले को अंजाम दिया जा सके।
अवंतीपोरा के पास गदिकल में जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और CRPF के संयुक्त तलाशी अभियान में छापेमारी के दौरान विस्फोटक के ये पैकेट्स जब्त किए गए। इन पैकेट्स को एक जंगल के पास स्थित पौधों की एक नर्सरी में 250 लीटर के 2 बड़े प्लास्टिक टैंक्स के अंदर रखा गया था। हमारे जवान अंडरग्राउंड प्लास्टिक वॉटर टैंक्स के अंदर गए जहां उन्हें विस्फोटकों के 416 पैकेट मिले, जिनमें से हरेक का वजन 125 ग्राम था। साथ ही एक अन्य प्लास्टिक वॉटर टैंक में छिपाए गए लगभग 50 डेटोनेटर भी बरामद हुए।
इन विस्फोटकों को संक्षेप में सुपर-90 या एस-90 कहा जाता है। आपको याद होगा कि पिछले साल फरवरी में पुलवामा में एक आतंकी द्वारा अंजाम दिए गए आत्मघाती हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे, जिसके चलते देशव्यापी आक्रोश फैल गया था। बाद में भारतीय वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित आतंकी ठिकानों पर बम बरसाकर उन्हें तबाह कर दिया था।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कुछ दिन पहले ही आगाह किया था कि पाकिस्तान लद्दाख में भारत के खिलाफ जारी सैन्य गतिरोध में चीन की मदद करने के लिए देश के अंदर एक बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने की कोशिश कर सकता है। पुलवामा जैसे एक और हमले को अंजाम देने की यह साजिश उसी रणनीति का हिस्सा लगती है। जिस स्थान पर गुरुवार को विस्फोटक पाए गए थे, वह नेशनल हाइवे के करीब था और उस जगह से लगभग 9 किलोमीटर दूर था जहां पुलवामा में पिछले साल आत्मघाती हमला हुआ था।
जनरल बिपिन रावत की बात सही साबित हो रही है। यदि आतंकवादी भारतीय सेना के काफिले पर एक और बड़ा हमला करने में कामयाब हो जाते, तो भारत को जवाबी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ता, जैसा कि उसने बालकोट में किया था। अपने ‘पक्के दोस्त’ चीन की मदद के लिए पाकिस्तान इस समय भारत के खिलाफ ‘दूसरा मोर्चा’ खोलने के लिए उकसावे की कार्रवाई करने पर तुला हुआ है। सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे नियंत्रण रेखा पर हमारी सेना की तैयारियों का आकलन करने के लिए गुरुवार को श्रीनगर में थे।
चाहे कुछ भी हो, यदि पाकिस्तान संघर्ष के लिए उकसाता है तो भारतीय सशस्त्र बलों में देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए 2 मोर्चों पर एक साथ लड़ने की क्षमता है। हमारी सेना का मनोबल ऊंचा है। हमारे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राज्य सभा को बताया कि धरती की कोई भी ताकत हमारी सेना को वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास पट्रोलिंग करने से नहीं रोक सकती। उन्होंने कहा है कि हमारी सेना लद्दाख में चीनी सेना की ओर से किए गए कुकृत्यों का मुंहतोड़ जवाब में सक्षम है। हमारे सैनिक LAC और LOC के पास किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 17 सितंबर, 2020 का पूरा एपिसोड