Rajat Sharma's Blog: कैसे खालिस्तानी अलगाववादियों की मदद कर रहा है पाकिस्तान
सारा गेम प्लान आईएसआई में बैठे उसके राजनीतिक आकाओं द्वारा तय किया जाता है। गुरुवार को होम मिनिस्ट्री ने बताया कि सिख अलगाववाद को बढ़ावा देनेवाली करीब 40 वेबसाइट्स ब्लॉक कर दी गई हैं।
हाल के दिनों में आप में से कई लोगों के पास अज्ञात नंबरों से मिशिगन, ओकलाहोमा, जॉर्जिया जैसी जगहों से कॉल आए होंगे। जिस किसी ने भी फोन उठाया तो दूसरी तरफ से एक रिकॉर्डेड मैसेज प्ले हुआ। इस मैसेज में यह कहा जाता है कि खालिस्तान पर रेफरेंडम (जनमत संग्रह) होगा। मैसेज देनेवाला यह दावा करता है कि वह सिख्स फॉर जस्टिस (Sikhs for Justice) संस्था से बोल रहा है। और फिर इस मैसेज में यह भी कहा जाता है कि 19 जुलाई को गुरुद्वारे में इसके लिए अरदास (प्रार्थना) करनी है।
सुबह से शाम तक हजारों लोगों को इस तरह के फोन कॉल्स मिले। हरियाणा और पंजाब में ऐसे फोन कॉल्स को लेकर एफआईआर भी दर्ज कराई गई। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में तो ऐसे फोन कॉल्स के बाद एक गुरुदारे में लोगों की मीटिंग बुलानी पड़ी। लोगों को बाकायदा समझाया गया और भडकाऊ मैसेज के झांसे में ना आने की अपील की गई। लोगों से कहा गया कि वे इन मैसेज पर कोई प्रतिक्रिया न दें क्योंकि इनका उद्देश्य पंजाब में हिंसा और अलगाववाद को भड़काना है।
अब मैं आपको इसके पीछे की कहानी बताता हूं। पंजाब को भारत से अलग कराने की मुहिम चला रहे अमेरिका स्थित सिख अलगाववादी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस ने खालिस्तान पर 'जनमत संग्रह' कराने का ऐलान किया है। इसके लिए सभी सिखों को 19 जुलाई को दिल्ली के गुरुद्वारा शीशगंज और गुरुद्वारा बंगला साहिब में अरदास के लिए जाने की अपील की गई है। इसके लिए बाकायदा भारत सरकार द्वारा आतंकवादी घोषित किए गए 'सिख्स फॉर जस्टिस' के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो जारी किया है। पन्नू इस संस्था में लीगल काउंसिल के तौर पर काम करता है।
दिल्ली में गुरुवार को जागो पार्टी के प्रमुख मंजीत सिंह जीके ने गुरपतवंत सिंह पन्नू को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट बताते हुए पाकिस्तान दूतावास के बाहर अपने समर्थकों के साथ प्रदर्शन किया। मंजीत सिंह जीके ने कहा कि खालिस्तान मुद्दे को हवा देने की इस साजिश के पीछे खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है। दिल्ली पुलिस ने धारा 144 का हवाला देकर प्रदर्शनकारियों को चाणक्यपुरी थाने पर रोक दिया।
दरअसल, खालिस्तान के मुद्दे को हवा देते रहने के लिए पाकिस्तान पन्नू और एक अन्य खालिस्तानी अलगाववादी गोपाल चावला की मदद करता रहा है। गोपाल चावला मोस्ट वांटेड आतंकी और लश्कर-ए-तैयबा का चीफ हाफिज मोहम्मद सईद का करीबी है। चावला ने एक वीडियो जारी करके खालिस्तान में रेफरेंडम के लिए पन्नू के समर्थन का ऐलान किया। इतना ही नहीं, चावला ने यह भी कहा कि जो भी पन्नू के रास्ते में आएगा, उसे अंजाम तक पहुंचा दिया जाएगा।
असल में सिख्स फॉर जस्टिस का गुरपतवंत पन्नू उस लाइन पर चलता है, उस प्रोपेगेंडा को फैलाता है, जिसकी स्क्रिप्ट पाकिस्तान में लिखी जाती है। सारा गेम प्लान आईएसआई में बैठे उसके राजनीतिक आकाओं द्वारा तय किया जाता है। गुरुवार को होम मिनिस्ट्री ने बताया कि सिख अलगाववाद को बढ़ावा देनेवाली करीब 40 वेबसाइट्स ब्लॉक कर दी गई हैं। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि चूंकि विभिन्न जगहों से अलग-अलग अज्ञात नंबरों से फोन कॉल आ रहे हैं, रिकॉर्डेड मैसेजेस भेजे जा रहे हैं, इसलिए सबको ब्लॉक करना मुश्किल है, लेकिन जरूरत पड़ी तो इस मामले में अमेरिका से भी संपर्क किया जाएगा।
दो-तीन बातें बिल्कुल साफ हैं कि पन्नू और गोपाल चावला वो आतंकवादी हैं, जिन्हें पाकिस्तान पालता है। ये आतंकवादी पाकिस्तान के गुण गाते हैं और सिर्फ भड़काने वाले रिकॉर्डेड मैसेज ही नहीं भेजते बल्कि आईएसआई की मदद से सीमा पार से आतंकवादियों को भेजते हैं और साथ में हथियार भी भेजते हैं। ये एक बड़ी साजिश का हिस्सा हैं और पंजाब में मार-काट मचाना चाहते हैं। वहां की शांति भंग करना चाहते हैं। लेकिन पंजाब की पुलिस ने उनकी हर साजिश को नाकाम किया है और दिल्ली में होम मिनिस्ट्री भी अलर्ट है।
देश की इंटेलिजेंस एजेंसियों ने ऐसे लोगों को आइडेंटीफाई करने की कोशिश शुरू कर दी है जो यहां रहकर ऐसे लोगों को सपोर्ट करते हैं। लेकिन सबसे अच्छी बात ये है कि पन्नू और गोपाल चावला जैसे दहशतगर्दों को सिख समाज अच्छी तरह पहचानता है, उनके इरादे क्या हैं, ये हमारे सिख भाई-बहन पहचानते हैं। सबको पता है इनकी मंशा खून-खराबा फैलाने की है। इसलिए सिख समाज ने इन्हें बार-बार करारा जवाब दिया है। लेकिन सावधान रहने और दूसरों को भी अलर्ट करने की जरूरत है। (रजत शर्मा)
देखिए, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 16 जुलाई 2020 का पूरा एपिसोड