संविधान से अनुच्छेद 370 और 35ए के प्रावधान खत्म होने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को पहली बार जम्मू-कश्मीर के पंचों और सरपंचों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार सुरक्षा के साथ-साथ उन्हें 2 लाख रुपये का जीवन बीमा प्रदान करेगी।
अमित शाह ने कहा कि अब पंचायतों को विकास कार्यों के लिए धनराशि सीधे मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने यह भी वादा किया कि 'लोगों से कोई जमीन नहीं छीनी जाएगी'। शाह ने कहा कि कश्मीर में अस्पतालों, स्कूलों, कॉलेजों और उद्योगों की स्थापना के लिए केवल सरकारी जमीन का ही इस्तेमाल किया जाएगा।
इस बैठक के दौरान सरपंचों ने गृह मंत्री को यह स्पष्ट तौर पर कहा कि उन्हें अनुच्छेद 370 हटाने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वे चाहते हैं कि जल्द से जल्द कम्यूनिकेशन लाइनों को फिर से बहाल किया जाना चाहिए। अमित शाह ने उनसे वादा किया कि अगले 20 से 25 दिनों में ये काम हो जाएगा।
अमित शाह ने कहा कि 50 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी मुहैया कराने के लिए काम शुरू हो गया है। कश्मीर के युवा सेना की भर्ती रैली में बड़ी संख्या में हिस्सा ले रहे हैं।
अनुच्छेद 370 और 35ए को खत्म हुए पूरा एक महीना बीत चुका है, और अबतक एक भी गोली नहीं चली है। घाटी में हालात काफी हद तक शांतिपूर्ण है। इंडिया टीवी रिपोर्टर्स ने कश्मीर के अंदरूनी हिस्सों में लोगों से बात की और अधिकांश ग्रामीणों ने यही कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर यकीन है। उन्हें जम्मू-कश्मीर में समृद्धि लाने की पीएम मोदी की कोशिशों पर भरोसा है।
कश्मीर के लोगों का कहना है कि सरकार ने जो वादे किए हैं और कश्मीरियों को जो उम्मीद बंधायी है, उसे जल्दी पूरा करना चाहिए। नौजवानों को नौकरियां मिलनी चाहिए, नए उद्योगों की स्थापना होनी चाहिए। अच्छे अस्पताल और स्कूल बनने चाहिए। आम लोगों को केंद्र सरकार से काफी उम्मीदें हैं और जो सरकार का रवैया दिख रहा है, उससे लगता तो है कि सरकार अपने वादों को पूरा करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। (रजत शर्मा)
देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 03 सितंबर 2019 का पूरा एपिसोड
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