A
Hindi News भारत राष्ट्रीय इंडिया टीवी के एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा की ओर से उत्तराखंड आपदा पीड़ितों के लिए 64 लाख रुपए की मदद

इंडिया टीवी के एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा की ओर से उत्तराखंड आपदा पीड़ितों के लिए 64 लाख रुपए की मदद

इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने उत्तराखंड आपदा के पीड़ित मजदूरों के लिए 64 लाख रुपए की मदद दी है।

इंडिया टीवी के एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा की ओर से उत्तराखंड आपदा पीड़ितों के लिए 64 लाख रुपए की मदद - India TV Hindi Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा की ओर से उत्तराखंड आपदा पीड़ितों के लिए 64 लाख रुपए की मदद 

नई दिल्ली: इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने उत्तराखंड आपदा के पीड़ित मजदूरों के लिए 64 लाख रुपए की मदद दी है। उन्होंने अपने 64वें जन्मदिन के मौके पर यह मदद देने की बात कही है। रजत शर्मा ने एक ट्वीट कर उत्तराखंड आपदा के पीड़ित मजदूरों के लिए इस मदद की घोषणा की। 

रजत शर्मा ने ट्वीट में इस बात का जिक्र किया है कि शास्त्रों में कहा गया है कि अपने लिए तो सब जीते हैं लेकिन जो परोपकार के लिए जिए, जीना उसी को कहते हैं।  'आज सबसे ज़्यादा ज़रूरत उत्तराखंड के पीड़ित मज़दूरों की है। 64वें जन्मदिन पर मैं उनके लिए  64 लाख रुपए का विनम्र योगदान दे रहा हूं।' 

इससे पहले भी समय-समय पर देश और समाज की मदद के लिए रजत शर्मा और इंडिया टीवी की ओर से पहल की जाती रही है। कोरोना काल में जब देश को आर्थिक तौर पर मदद की सबसे ज्यादा जरूरत थी, उस वक्त भी रजत शर्मा ने पीएम केयर फंड में अहम योगदान किया था। नई दिल्ली के एम्स में इलाज के लिए आनेवाले रोगियों और उनके परिजनों की मदद के लिए बैटरी संचालित बस की सुविधा के लिए उनकी ओर से उल्लेखनीय पहल की गई थी। सितंबर 2018 में तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने इस बस सेवा का उद्घाटन किया था। फ्री-ऑफ-कॉस्ट बस सेवा को इंडिया टीवी की कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) पहल के तहत लॉन्च किया गया था। बैटरी से चलनेवाली इन बसों को जेपी नड्डा, रजत शर्मा और इंडिया टीवी की मैनेजिंग डायरेक्टर रितु धवन ने हरी झंडी दिखाई थी।

पढ़ें:- PM Cares Fund में India TV की तरफ से एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने 1 करोड़ रुपए का योगदान किया

Image Source : PTIउत्तराखंड के चमोली में अचानक आए सैलाब से बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान।

आपको बता दें कि उत्तराखंड में 7 फरवरी को अचानक आए सैलाब में 58 लोगों की मौत हो गई जबकि 146 लोग अभी भी लापता हैं। तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की टनल में फंसे लोगों की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन अभी-भी जारी है।

 

 

 

Latest India News