Rajat Sharma Blog: सीतारामन ने क्यों कहा, राहुल राफेल मु्द्दे को जितना उठाएंगे, लोग उतना ही मोदी का समर्थन करेंगे
राहुल गांधी के लिए ये उचित होगा वे अधूरे नोटिंग पेज के आधार पर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सावधानी बरतें।
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारामन ने शुक्रवार को मेरे शो 'आज की बात' में एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में साफ तौर पर कहा कि राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जितना आधारहीन आरोप लगाएंगे, जनता आगामी चुनाव में उतना ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करेगी।
इसकी सीधी सी वजहें हैं, राफेल सौदे के आरोपों पर नरेन्द्र मोदी ने खुद लोकसभा में जवाब दिया है, रक्षा मंत्री सीतारामन ने भी संसद में विस्तार से जवाब दिया है, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कई बार ब्लॉग लिखा और बताया कि किस तरह से राफेल सौदे को अंतिम रूप दिया गया, सुप्रीम कोर्ट भी अपने फैसले में साफ तौर पर कह चुका है कि राफेल की खरीद प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने तो भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों तक से पूछताछ की जो सौदे को लेकर बातचीत करनेवाली टीम का हिस्सा थे।
अब चूंकि चुनाव का मौसम तो लगता है कि आरोपों का दौर इसी तरह चलता रहेगा।
मैं अब रक्षा मंत्रालय के 24 नवंबर, 2015 की फाइल नोटिंग पर आता हूं जिसमें राफेल सौदे को लेकर तत्कालीन रक्षा सचिव ने प्रधानमंत्री दफ्तर की 'समानांतर बातचीत' पर आपत्ति जताई थी और लिखा था कि इससे 'रक्षा मंत्रालय और भारत की वार्ता करनेवाली टीम की बातचीत की स्थिति कमजोर पड़ रही है।'
शुक्रवार सुबह एक अखबार ने इस फाइल नोटिंग के पेज को अधूरा ही छाप दिया और राहुल गांधी ने मीडिया को नोटिंग का पेज दिखाने के लिए तुरंत बुला लिया। अब बारी रक्षा मंत्रालय की थी कि वह उस नोटिंग के पूरे पेज को दिखाए जिसमें तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने अपने रक्षा सचिव को साफ तौर पर जवाब दिया और कहा, 'ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और फ्रांस के राष्ट्रपति का दफ्तर इस डील पर नजर रख रहा है, क्योंकि दो देशों के बीच जो समिट हुई थी उसमें इसपर (राफेल डील) सहमति बनी है। ये उसी का परिणाम है, पैरा-5 (जिसमें आपत्ति जताई गई थी) में जो बातें लिखी गयी हैं, वो ओवर रिएक्शन है। रक्षा सचिव इस मामले को प्रधानमंत्री के सचिव से बात कर सुलझाएं।'
राहुल गांधी के लिए ये उचित होगा वे अधूरे नोटिंग पेज के आधार पर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सावधानी बरतें। उन्हें भारतीय वायु सेना के अधिकारियों को भी इस बहस में घसीटने से बचना चाहिए क्योंकि उन्होंने सीधे तौर कहा है कि इनकी सुरक्षा का पैसा उद्योगपतियों को दिया गया। यह हमारे सशस्त्र बलों के बहादुर अधिकारियों की ईमानदारी और उनके अनुशासन को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाएगा। (रजत शर्मा)
देखें, आज की बात, रजत शर्मा के साथ, 8 फरवरी 2019 का पूरा एपिसोड