संशोधित नागरिकता अधिनियम का विरोध कर रहे प्रर्शनकारियों पर जोरदार हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नागरिकों से विरोध प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को बर्बादी से बचाने का आह्वान किया। मोदी ने सवाल किया कि प्रदर्शनकारियों द्वारा सार्वजनिक संपत्तियों को नष्ट करने के तरीके को कोई कैसे सही ठहरा सकता है। उन्होंने पूछा, ‘जो कुछ जलाया गया क्या वह उनके बच्चों के काम नहीं आने वाला था?’
हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों द्वारा रेलवे पटरियों को नुकसान पहुंचाने और बसों तथा पुलिस की गाड़ियों में आग लगाने के दृश्य लगभग आम हो चुके हैं। दंगाइयों को ऐसा करने से कोई नहीं रोकता है क्योंकि लोग आमतौर पर सार्वजनिक संपत्ति को राष्ट्रीय संपत्ति नहीं मानते हैं। हमें अपनी मानसिकता में बदलाव लाना होगा। सरकारी संपत्ति हमारे द्वारा दिए गए टैक्स से हमारी ही सुविधा के लिए बनाई जाती हैं। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना खुद की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के जैसा है।
जिन सभी उपद्रवियों ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है, उनके साथ कड़ाई से निपटा जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में पहल की है। अधिकारियों ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों की पहचान करना शुरू कर दिया है। उनकी तस्वीरों को जगह-जगह दिखाया जा रहा है और उनके बारे में पता करने की कोशिश की जा रही है। उन उपद्रवियों में से अधिकांश अब कानून के हाथों से बचने के लिए अंडरग्राउंड हो गए हैं।
ऐसे उपद्रवियों की पहचान भी होनी चाहिए और उनके खिलाफ लीगल ऐक्शन भी होना चाहिए। इसके साथ ही उनकी संपत्तियों को जब्त करने की कानूनी प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए। जितनी सरकारी संपत्ति का नुकसान होता है, उसकी भरपाई भी ऐसे ही अपराधियों से की जानी चाहिए। इस तरह की कार्रवाई दंगाइयों के मन में कानून का डर पैदा करेगी और वे भविष्य में इस तरह की हरकत करने से पहले सौ बार सोचेंगे। यह भी सुनिश्चिति किया जाना चाहिए कि पुलिस किसी निर्दोष नागरिक को परेशान न करे और उसे उसकी ज्यादती का शिकार न होना पड़े। (रजत शर्मा)
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