बुधवार को राज्यव्यापी बंद के दौरान जब दलित प्रदर्शनकारी हिंसा पर ऊतारू हो गए तो महाराष्ट्र पुलिस ने अत्यंत संयम के साथ काम लिया। यह बात सही है कि महाराष्ट्र से जातीय हिंसा की इस तरह की तस्वीरें पहले नहीं आईं। दलित और मराठा कभी इस तरह आमने-सामने नहीं आए। इसलिए ऐसा लगता है कि इस हिंसा के पीछे कोई न कोई साजिश तो है, लेकिन पुलिस ने जिस संयम के साथ काम किया वह काबिले तारीफ है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने वह गलती नहीं की जो गुजरात सरकार ने की थी जहां पुलिस ने दलितों के खिलाफ कार्रवाई की और वहां स्थानीय तौर पर दलित नेता उभरने लगे। देवेन्द्र फड़नवीस ने गुजरात से सबक सीखा और उन्होंने पुलिस से ज्यादा से ज्यादा संयम बरतने को कहा। कांग्रेस और अन्य विपक्षी नेता इस मामले पर राजनीतिक लाभ लेने के इंतजार में थे लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। (रजत शर्मा)
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