गुरुवार को पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव का एक वीडियो जारी किया जिसमें वह 25 दिसंबर को पत्नी और मां से मुलाकात कराने के लिए पाकिस्तान को धन्यवाद दे रहा है। इस वीडियो जिसमें कई कट हैं और ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इसमें छेड़छाड़ की गई है, जाधव को यह कहते हुए दिखाया गया है कि हिरासत में उसके साथ अत्याचार नहीं किया गया और उसने एक भारतीय डिप्लोमैट को अपनी मां और पत्नी पर चिल्लाते हुए देखा था। दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय ने इस वीडियो को प्रोपैगेंडा का अभ्यास बताया और कहा कि इसकी कोई विश्वसनीयत नहीं है। मंत्रालय ने कहा, 'कैद में एक व्यक्ति दबाव में आकर अपनी ही भलाई की बात कर रहा है और कैद करने वाले के आरोपों के बारे में बोल रहा है, इस बेतुकेपन पर टिप्पणी की जरुरत नहीं है।"
मेरा सवाल बहुत सिंपल है, अगर पाकिस्तान इतना ही मानवतावादी और इंसानियत का पैरोकार है तो कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस क्यों नहीं देता ? भारत की तऱफ से 23 बार कांउसलर एक्सेस की मांग की जा चुकी है लेकिन पाकिस्तान ने हर बार इंकार कर दिया। इससे पाकिस्तान के इरादे साफ हो जाते हैं। सोचने वाली बात है कि एक शख्स जिसे पाकिस्तान जल्दी से जल्दी फांसी के फंदे पर लटकाने की पूरी कोशिश कर रहा है वह शख्स पाकिस्तान के व्यवहार की तारीफ करे, इस पर कौन यकीन करेगा? हमें कुलभूषण जाधव की मजबूरी भी समझनी चाहिए कि दुश्मनों की हिरासत में वे किस तरह के हालात का सामना कर रहे हैं। उनपर किस तरह दबाव डाल कर बार-बार ऐसे वीडियोज रिकॉर्ड कराए जाते हैं। इससे उनको कितनी तकलीफ और कितनी परेशानी होती होगी, इसका ख्याल रखना चाहिए। (रजत शर्मा)
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