Rajat Sharma’s Blog: चीन समझ चुका है कि अब भारत उसे उसी की भाषा में जवाब देगा
असल में चीन के दोहरे चरित्र को अब पूरी दुनिया समझ चुकी है। चीन को जहां मौका मिलता है वो दूसरे देशों पर दबाव बनाकर, ताकत दिखाकर, जमीन पर कब्जा करने की कोशिश करता है।
पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे की चोटियों पर कब्जा जमाकर अपनी पकड़ मजबूत करने के साथ ही भारत ने बुधवार को चाइनीज ऐप्स पर बैन लगाकर चीन पर एक और ताजा हमला कर दिया है। टेलीकॉम और आईटी मंत्रालय ने दुनिया के सबसे लोकप्रिय मोबाइल गेम PUBG समेत 118 ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि 118 चाइनीज ऐप्स पर पाबंदी का फैसला इसलिए किया गया क्योंकि इनकी गतिविधियां देश की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा बन सकती थीं।
इससे पहले भारत 106 चाइनीज ऐप्स को बैन कर चुका है। उस वक्त भारत ने यह कदम गलवान घाटी में हुई खूनी झड़प के बाद उठाया था। गलवान घाटी में चीन के अतिक्रमण को रोकने की कार्रवाई में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे जबकि चीन के सैनिकों की भी बड़ी संख्या में मौत हुई थी। पैंगोंग लेक इलाके में ताजा तनाव के मद्देनजर भारत सरकार ने बुधवार को चाइनीज ऐप्स पर यह बैन लगाया है। चीनी सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति को बदलने की कोशिश की थी जिसे भारतीय सैनिकों ने विफल कर दिया।
एक झटके में भारत ने चीन को यह सख्त संदेश दिया है कि अगर किसी तरह की नापाक हरकत की कोशिश हुई तो उसे उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन अपने ऐप्स के जरिए भारतीयों के बारे में डेटा इकट्ठा करने की कोशिश कर रहा था और लगे हाथों पैसे भी कमा रहा था। चीन जिस तरह सीमा पर बार-बार तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहा था उसे देखते हुए भारत ने अब सैन्य मोर्चे के साथ-साथ आर्थिक मोर्चे पर भी चीन को सबक सिखाने का फैसला किया है।
हालांकि PUBG के बारे में दावा किया जाता है कि यह साउथ कोरिया की कंपनी है लेकिन दिलचस्प बात यह है कि PUBG का चीन से सीधा लिंक है। PUBG के जो भी वर्जन अपडेट होते हैं उसका कॉन्ट्रैक्ट चीन की कंपनी टेन्सेंट गेम्स के पास है। टेन्सेंट गेम्स ही इस ऐप के नए-नए वर्जन्स रिलीज करती है। इसका सर्वर भी चीन में है। लिहाजा PUBG को बैन किया गया है। हालांकि PUBG भारत में सबसे लोकप्रिय ऑनलाइन गेम्स में से एक है। भारत में PUBG को 17 करोड़ 50 लाख से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है। पूरी दुनिया में PUBG के जितने यूजर्स हैं उसका एक चौथाई यानी 25 प्रतिशत अकेले भारत में हैं। एक और चौंकाने वाली बात ये है कि लॉकडाउन के दौरान PUBG के यूजर्स तेजी से बढ़े हैं। डेटा एनालिटिक्स फर्म Sensor Tower के मुताबिक PUBG मोबाइल दुनिया भर में सबसे ज्यादा कमाई करने वाला गेम है। PUBG Mobile की अब तक की आमदनी करीब 22 हजार 457 करोड़ रुपए है। रिपोर्ट के मुताबिक 2019 के मुकाबले अब तक PUBG के कारोबार में 41 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इस साल अबतक PUBG Mobile ने करीब 9731 करोड़ रुपये की कमाई की है।
ज़ाहिर है कि भारत के इस कदम से चीन नाराज़ है। भारत ने उसे उसी जगह पर सबसे ज्यादा चोट पहुंचाई है जहां उसे सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता। उधर, पूर्वी लद्दाख में ग्राउंड जीरो से रिपोर्टिंग करते हुए इंडिया टीवी के डिफेंस एडिटर मनीष प्रसाद ने बताया है कि 29-30 अगस्त की दरम्यानी रात से अब तक चीन तीन बार LAC पर यथास्थिति बदलने की कोशिश कर चुका है। भारतीय सेना ने चीनी फौज की साजिश को 29-30 अगस्त की रात, 31 अगस्त और एक सितंबर को नाकाम कर दिया। भारतीय सेना के हाथों बार-बार पिटने के बाद चीन बौखलाया हुआ है। इसलिए बार-बार चीनी फौज LAC पर आक्रामकता दिखा रही है।
लद्दाख के ब्लैक टॉप, हेलमेट टॉप और रेछांग ला की सामरिक महत्व की ऊंचाइयों पर भारतीय सेना के नियंत्रण से चीन की फौज परेशान है। चीन ने बुधवार को चुशूल में ब्रिगेडियर लेवल की मीटिंग में इस मुद्दे को उठाया। चीन ने बार-बार भारत को इन तीन ठिकानों से पीछे हटने के लिए कहा। चीन की बौखलाहट की यही सबसे बड़ी वजह भी है, क्योंकि LAC पर कई अहम ठिकानों पर भारतीय सेना का दबदबा है।
इसी परेशानी के चलते चीन अब तक LAC विवाद पर छह बार बयान दे चुका है और भारतीय सेना से पीछे हटने की बात कह चुका है। लेकिन इस बार भारत का रुख बिल्कुल स्पष्ट है। अगर चीन LAC के पास यथस्थिति को नहीं मानेगा, तो भारतीय सेना भी अपनी सुरक्षा के लिए मजबूत कदम उठाएगी। चीन की बौखलाहट की एक वजह ये भी है कि भारतीय सेना ने ठीक वही किया है जो चीन ने पैन्गॉन्ग सो इलाके में कई फिंगर्स पर कब्जा करके किया था। भारतीय सेना ने साफ कहा है कि उसकी कार्रवाई आक्रामक नहीं है और न ही चीन को धमकाने के लिए किया जा रहा है। भारत का इरादा सिर्फ ये है कि हम चीन को अपनी ताकत का अहसास करा सकें और मजबूत कार्रवाई कर सकें। पैन्गॉन्ग सो के बाद चीन लगातार इस इलाके पर अपना दबदबा बनाये रखने की कोशिश में लगा था लेकिन चीन की साजिश को भांपते हुए भारतीय सेना ने LAC पर अपनी पोजीशन मजबूत कर ली। इस वक्त ब्लैक टॉप पर भारतीय सेना की मजबूत पकड़ है। ब्लैक टॉप पर कब्जा एक बड़ी सफलता है क्योंकि अब भारतीय सेना पैंगोंग लेक के पास चीन की हर गतिविधियों पर नजर रख सकती है। भारतीय सेना अब रेछांग ला से 4 किमी दूर रेछेन ला पर अपना दबदबा बनाना चाहती है। इसके बाद जमीन पर चीनी सैनिकों की गतिविधि पर नजर रखना आसान हो जाएगा।
कुल मिलाकर इस वक्त भारतीय सेना ने लद्दाख में LAC के पास 10 अहम ठिकानों पर अपनी स्थिति को मजबूत किया है। इन 10 ठिकानों पर भारतीय सेना ने सतर्कता और सर्विलांस बढ़ाई है और चीन की तरफ से होनेवाली हर गतिविधि पर नज़र रखे हुए है। ये 10 ठिकाने हैं- चुमार वैली, डेमचौक, पैन्गॉन्ग लेक, डेपसांग, गलवान, गोगरा, हॉटस्प्रिंग, दौलत बेग ओल्डी, चुशूल और रेंछन ला। भारतीय सेना की सतर्कता का ही नतीजा है कि चीन यहां पर घुसपैठ की अपनी साजिशों में बार-बार नाकाम हो रहा है। कल चुमार वैली में चीनी सेना की 5 से 7 गाड़ियों ने भारत की तरफ बढ़ने की कोशिश की लेकिन भारतीय सेना ने मोर्चा संभाल लिया जिसके बाद सिर्फ दो घंटे के अंदर ही चीनी सेना को उल्टे पांव लौटना पड़ा था। भारतीय सेना की मजबूत स्थिति को चीन भी भांप गया है इसलिए इसबार दोनों सेनाओं के बीच आमने सामने टकराव की स्थिति नहीं बनी।
सिर्फ लद्दाख ही नहीं बल्कि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, नेपाल और भूटान से सटी सीमा पर भारतीय सेना ने अपनी स्थिति को मजबूत किया है। इन सभी इलाकों में ITBP और SSB की तैनाती बढ़ाई गई है। खासतौर से उत्तराखंड के उन इलाकों में जो चीन और नेपाल के बॉर्डर से सटे हुए हैं वहां निगरानी और मुस्तैदी बढ़ाई गई है। इसके अलावा सिक्किम का वो इलाक़ा जहां भूटान सीमा पर डोकलाम विवाद हुआ था, सैनिकों की तादाद बढ़ाई गई है।
असल में चीन के दोहरे चरित्र को अब पूरी दुनिया समझ चुकी है। चीन को जहां मौका मिलता है वो दूसरे देशों पर दबाव बनाकर, ताकत दिखाकर, जमीन पर कब्जा करने की कोशिश करता है। ये उसकी आदत है। चाहे वह वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई के साथ दक्षिण चीन सागर विवाद हो या जापान के साथ सेनकाकू द्वीप विवाद, या फिर भारत के साथ लद्दाख और डोकलाम सीमा विवाद, चीन का असली चेहरा सामने आ चुका है। अब तक चीन की दादागिरी चलती आई है, लेकिन अब नहीं चलेगी। दक्षिण पूर्व एशियाई देशों, ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत चीन के इस रवैये को लेकर बेहद नाराज हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने बुधवार को फॉक्स न्यूज से कहा, 'पूरी दुनिया चीन के गलत रवैये के खिलाफ एकजुट होने लगी है और भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देश हर मोर्चे पर चीन को पीछे धकेलने के लिए अमेरिका के साथ हाथ मिलाने जा रहे हैं।'
अमेरिका ने सार्वजनिक तौर पर चीन को रास्ते पर लाने के लिए हर तरह से भारत का साथ देने का ऐलान किया है।अमेरिका ने साफ किया है कि चीन को घेरने के लिए चार देशों ने QUAD ग्रुप बनाया है। इस ग्रुप में भारत के साथ अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान हैं। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता और चीन के बढ़ते सैन्य प्रभाव को रोकने के लिए इन देशों ने हाथ मिलाया है। QUAD देशों के मंत्री इस महीने के अंत में मुलाकात करने वाले हैं ताकि चीन को अपना तौर-तरीका बदलने या फिर नतीजा भुगतने का कड़ा संदेश दिया जा सके। QUAD ग्रुप को फाइव आईज समूह के देशों की भी मदद मिल रही है। फाइव आईज समूह में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका की गुप्तचर एजेंसियां शामिल हैं। इसलिए अब या तो चीन को संभलना होगा या फिर उसे संभाला जाएगा और सबक सिखाया जाएगा। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 2 सितंबर, 2020 का पूरा एपिसोड