भारत ने गुरुवार को यह ऐलान किया कि वह अक्टूबर में आयोजित होनेवाले संघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को न्योता भेजेगा। एससीओ एक क्षेत्रीय आर्थिक और सुरक्षा समूह है जिसमें भारत और पाकिस्तान 2017 में शामिल हुए थे। भारत पहली बार एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'स्थापित कार्यप्रणाली और प्रक्रिया के मुताबिक सभी आठ सदस्यों के साथ ही चार पर्यवेक्षक राज्यों और अन्य अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों को आमंत्रित किया जाएगा।'
स्वाभाविक तौर पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के लिए यह अनुमान लगाना मुश्किल था कि क्या यह न्योता पाकिस्तान के प्रधानमंत्री द्वारा स्वीकार किया जाएगा। इमरान खान को एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए दिया गया न्योता भारत के कूटनीतिक शिष्टाचार का नतीजा है। इस निमंत्रण को न तो भारत और पाकिस्तान के वर्तमान द्विपक्षीय संबंधों से जोड़ा जाना चाहिए और न ही इसे इमरान खान को आधिकारिक यात्रा पर आने के लिए भारत का निमंत्रण माना जाना चाहिए।
चूंकि पाकिस्तान एससीओ का सदस्य देश है और भारत इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है, ऐसे में भारत की तरफ से इमरान को न्योता तो देना ही था। इसलिए भारत ने इस सम्मेलन के लिए इमरान को न्योता भेजा है। लेकिन, इमरान खान इस निमंत्रण पर भारत आएंगे...मुझे तो इसकी उम्मीद कम लगती है। हालांकि यह शिखर सम्मेलन साल के आखिर में होना है और अभी करीब 10 महीने का समय बाकी है। ऐसे में तब तक हालात क्या बनेंगे, कोई कुछ नहीं कह सकता। हो सकता है, इमरान खान भारत आने का फैसला भी कर लें। (रजत शर्मा)
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