Rajat Sharma's Blog: केंद्र ने कश्मीर में क्यों ज्यादा सैनिकों को तैनात किया
घाटी में आम लोग निहित स्वार्थों के द्वारा फैलाई जा रही अफवाह और दहशत से घबराए हुए हैं। उन्हें सेना और राज्य पुलिस पर भरोसा करना चाहिए।
कश्मीर घाटी में उस समय हालात तनावपूर्ण होते नजर आए जब शुक्रवार को राज्य के गृह विभाग द्वारा सभी पर्यटकों और अमरनाथ तीर्थयात्रियों को जल्द से जल्द घाटी छोड़ने की सलाह दी गई। श्रीनगर स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के हॉस्टल में रहने वाले गैर-कश्मीरी छात्रों को भी घाटी छोड़ने के लिए कहा गया है। पिछले एक सप्ताह में करीब 28 हजार अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया है और अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था में लगे करीब 32,500 सैनिकों को घाटी के अन्य इलाकों में भेजा जाएगा।
केंद्र और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल, दोनों ने संविधान के अनुच्छेद 35A को निरस्त करने के किसी भी कदम को लेकर राजनीतिक नेताओं की आशंकाओं को कम करने का प्रयास किया। आपको बता दें कि अनुच्छेद 35A बाहरी लोगों को संपत्ति खरीदने और राज्य सरकार में नौकरी पाने से रोकते हैं।
सेना और पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि ऐसी खुफिया सूचना प्राप्त हुई है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी अमरनाथ यात्रा के दौरान बड़ा हमला कर सकते हैं, यात्रा मार्ग पर अमेरिका निर्मित स्नाइपर राइफल, एंटी पर्सनल माइन्स और विस्फोटक भी बरामद हुए।
इस बीच, घाटी में कश्मीरी राजनेता भड़काऊ बयानों में व्यस्त हैं। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार घाटी में लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश कर रही है। महबूबा ने कहा कि 1947 में कश्मीर के लोगों ने भारत के साथ विलय इसी शर्त पर किया था कि उनकी आइडेंटिटी को बरकरार रखा जाए। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान से अनुच्छेद 35 ए और 370 हटाने की दिशा में उठाए गए किसी भी कदम के बड़े नतीजे होंगे।
घाटी में आम लोग निहित स्वार्थों के द्वारा फैलाई जा रही अफवाह और दहशत से घबराए हुए हैं। उन्हें सेना और राज्य पुलिस पर भरोसा करना चाहिए, जिनके वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान, घाटी में बड़े आतंकी हमलों को अंजाम देने की योजना बना रहा है ताकि आतंकवादियों के मनोबल को बढ़ाया जा सके। हमारे सुरक्षा बल दो तरह की रणनीति पर काम कर रहे हैं। एक, पाकिस्तान की किसी भी साजिश को कामयाब नहीं होने दिया जाए और जम्मू-कश्मीर में मौजूद आतंकवादियों का सफाया किया जाए और दूसरी रणनीति ये है कि कश्मीरी नौजवानों को दहशतगर्दों के बहकावे में आकर पत्थरबाज और आतंकवादी बनने से रोका जाए।
चूंकि, जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव जाड़े का मौसम शुरू होने से पहले कराने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, इसलिए सुरक्षाबलों की तैनाती शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने की दिशा में एक कदम हो सकता है। वहीं सुरक्षाबलों के पास आतंकी हमले को लेकर इंटेलीजेंस है इनपुट है, इसीलिए कश्मीर से अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को जल्दी वापस जाने की सलाह दी गई है। घाटी के आम लोगों को राजनीतिक स्वार्थों के लिए फैलाई जा रही इन अफवाहों से बचना चाहिए, ऐसी बातों पर गुमराह नहीं होना चाहिए। (रजत शर्मा)
देखिए, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 02 अगस्त 2019 का पूरा एपिसोड