एक ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने बुधवार को आधार को संवैधानिक दृष्टि से वैध ठहराया। कोर्ट ने आधार को इनकम टैक्स रिटर्न, पैन कार्ड और सरकारी योजनाओं के लिए अनिवार्य कर दिया।
संविधान पीठ ने आधार कानून के उन प्रावधानों को खारिज कर दिया जिनके दुरुपयोग की संभावना थी, जैसे टेलीफोन कनेक्शन, बैंक अकांउट, क्रेडिट कार्ड, बच्चों के लिए कल्याण योजनाएं, स्कूल एडमिशन, मोबाइल पेमेंट ऐप्स, कम्पीटिटिव परीक्षाएं, पेंशन, मोबाइल वॉलेट, राज्य सरकार की कल्याण योजनाएं, निजी कंपनियों के वेतन खाते से आधार कार्ड को लिंक करना।
अब यह पूरी तरह साफ हो चुका है कि सब्सिडी योजनाओं को आधार कार्ड से लिंक करने के बाद लाखों नकली लाभार्थियों की पहचान हुई है और सरकार को करीब 90,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। अब आधार कार्ड के कारण ऐसी योजनाओं के लाभ सही लाभार्थियों तक पहुंच रहे हैं।
आधार के कारण गरीबों का हक हड़पने वाले पकड़े जा रहे हैं। कुछ दिन पहले हमने आपको “आज की बात” में दिखाया था कि उत्तर प्रदेश में किस तरह करीब आठ लाख गरीबों का राशन बाजार में बेच दिया गया लेकिन आधार के कारण ये घोटाला पकड़ा गया और अब गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज हो गया है, इसलिए आधार तो जरूरी है। इसका दुरूपयोग न हो, इसका इंतजाम भी सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया, ये अच्छी बात है।
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