Rajat Sharma’s Blog: आतंकी हमले को रोकने के लिए चौकस रहना वक्त का तकाज़ा है
जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों को घुसपैठ के लिए तैयार किया जा रहा है।
गुजरात के समुद्री तट को हाई अलर्ट पर रखा गया है क्योंकि ऐसी खुफिया रिपोर्ट मिली है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा प्रशिक्षित 'कमांडो' हरामी नाला (सर क्रीक) क्षेत्र से कच्छ की खाड़ी में घुसने की कोशिश कर सकते हैं। इंडिया टीवी ने अपने प्राइम टाइम शो 'आज की बात' में गुरुवार रात कांडला बंदरगाह के अधिकारियों द्वारा जारी सुरक्षा सर्कुलर को दिखाया, जिसमें अलर्ट जारी करके सभी लोगों को चेतावनी दी गई है कि इस इलाके में कोई भी संदिग्ध नाव या आदमी दिखे तो उसकी खबर तुरंत स्थानीय पुलिस को दी जाए।
कांडला बंदरगाह, जिसे अब दीनदयाल पोर्ट के नाम से जाना जाता है, भारत का सबसे बड़ा और सबसे व्यस्त बंदरगाह है। यहां से साल में जस करोड़ साठ लाख टन से ज्यादा के सामान की आवाजाही होती है। यह कराची बंदरगाह से 303 समुद्री मील की दूरी पर है। भारतीय नौसेनाध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह ने तीन दिन पहले कहा था कि जैश-ए-मोहम्मद ने पानी के भीतर हमला करने की क्षमता रखने वाले प्रशिक्षित आतंकवादियों का एक 'समुद्री विंग' स्थापित किया है।
इस बीच, पाकिस्तानी सेना और ISI ने नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सभी आतंकवादी शिविरों और लॉन्चिंग पैडों को सक्रिय कर दिया है ताकि उसकी बॉर्डर ऐक्शन टीम भारतीय सीमा को पार कर हमलों को अंजाम दे सके।
खुफिया रिपोर्टों में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना के ब्रिगेडियर लेवल के एक अफसर ने अल्फा-3 कंट्रोल रूम की जिम्मेदारी संभाल ली है ताकि PoK के हजीरा और कालीघाट में मौजूद टेरर लॉन्चिंग पैड्स से खतरनाक मंसूबों को अमली जामा पहनाया जा सके। जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों को घुसपैठ के लिए तैयार किया जा रहा है। इनमें जैश प्रमुख मौलाना मसूद अजहर का भाई इब्राहिम भी शामिल है।
पाकिस्तान से ट्रेनिंग पाए लगभग 300 आतंकवादी PoK में तैनात हैं और घुसपैठ करने के लिए तैयार हैं। उन्हें मनशेरा, मुजफ्फराबाद, कोटली और बहावलपुर में स्थित 4 आतंकी शिविरों में रखा गया है और कई छोटे-छोटे समूहों में बांटा गया है। भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा अब तक घुसपैठ की चार कोशिशों को नाकाम किया जा चुका है। 3 ट्रेनिंग सेंटर मनशेरा कैंप में, 5 मुजफ्फराबाद में, 4 कोटली में और एक ट्रेनिंग सेंटर बहावलपुर में सक्रिय हैं।
सैन्य खुफिया सूचनाओं के अनुसार, पाकिस्तानी सेना की कई टुकड़ियों को एलओसी के आसपास अलर्ट पर रखा गया है। आतंकवादियों को भारतीय इलाके में घुसाने के लिए ये सैनिक अक्सर लगातार फायरिंग करते हैं । इसका मुकाबला करने के लिए, भारतीय सेना ने तीन लेवल का सुरक्षा ग्रिड स्थापित किया है। इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के पास सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी गई है। घुसपैठियों को रोकने के लिए एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, फील्ड गन, बोफोर्स गन और सर्विलांस इक्विपमेंट भी मौके पर मौजूद हैं।
सेना, CRPF, J&K पुलिस और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के दस्ते घाटी के अंदर आतंकियों के गुप्त ठिकानों पर छापे मार रहे हैं। खुफिया रिपोर्टों में कहा गया है किइस वक्त घाटी में कोई 115 विदेशी आतंकवादी और 165 स्थानीय आतंकवादी छिपे हुए हैं। भारतीय एजेंसियों का फोकस पुलवामा, पामपोर, बिजबेहडा, त्राल और अवंतीपोरा पर खासतौर से है क्योंकि ज्यादातर नौजवान इन्हीं इलाकों से आतंकवादियों द्वारा भर्ती किए जाते हैं।
पश्चिमी और अरब देशों से कूटनीतिक स्तर पर कोई तवज्जो न मिलने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तानी सेना अब कश्मीर में हालात खराब करने की कोशिश में जुटे हुए हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद कश्मीर के लोगों का शांति की तरफ झुकाव पैदा हो सकता है । पाकिस्तानी सेना घाटी में हिंसा को बढ़ावा देने की जीतोड़ कोशिश कर रही है, और किसी बड़े हमले को अंजाम देने के लिए जिहादी तंज़ीमों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
इमरान खान और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि अगर उनके कूटनीतिक और सैन्य प्रयास विफल हुए तो आम पाकिस्तानियों को समझाना मुश्किल हो जाएगा। उनके लिए एक ही रास्ता है कि जिहादी तंज़ीमों के ज़रिए पुलवामा की तरह किसी बडे हमले को अंजाम दिया जाए। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 29 अगस्त 2019 का पूरा एपिसोड