इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि वह सभी धार्मिक और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर अनधिकृत रूप से लगे लाउडस्पीकर को 20 जनवरी तक हटा ले। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद जिला प्रशासन द्वारा सर्वे कराया जा रहा है। धार्मिक स्थानों के प्रबंधन को कहा जा रहा है कि वे प्रशासन से 15 जनवरी तक इसकी इजाजत ले लें, ऐसा नहीं करने पर कोर्ट द्वारा तय समय सीमा में उनके लाउडस्पीकर और अन्य साउंड सिस्टम हटा दिए जाएंगे।
निस्संदेह वक्त कम है, और यह टास्क बड़ा है। एक अनुमान के मुताबिक यूपी में साढ़े तीन लाख से ज्यादा धार्मिक स्थान हैं जहां लाउडस्पीकर का इस्तेमाल होता है। इनमें से करीब तीन लाख गांवों में हैं। हर गांव, सभी मंदिरों में और मस्जिदों में जाकर सर्वे करना आसान नहीं होगा। लखनऊ में गुरुवार को पुलिस अधिकांश मंदिरों और मस्जिदों में गई और उन्हें कोर्ट के इस फैसले के बारे में बताया। इस दौरान पुलिसवाले जिस रोल में और जिस अंदाज में प्यार से बात करते हुए दिखे, आमतौर पर उत्तर प्रदेश की पुलिस से इसकी उम्मीद नहीं होती। अच्छी बात है कि पुजारी और मौलवी सहयोग कर रहे हैं और पुलिस भी प्यार से सबको समझा रही है। सबकुछ कोर्ट के आदेश से हो रहा है इसलिए इसमें सियासत की गुंजइश कम है। (रजत शर्मा)
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