रविवार (12 जनवरी) को बिहार पुलिस कॉन्स्टेबल की परीक्षा देने के लिए हजारों की तादाद में छात्र रेलवे स्टेशनों पर उमड़ पड़े। परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए इन्हें जब ट्रेनों में कहीं जगह नहीं मिली तो ये रिजर्व डिब्बों में घुस गए और जिन्हें यहां भी जगह नहीं मिली, उन्होंने ट्रेन की छतों पर बैठकर या इंजन पर चढ़कर यात्रा की। हाजीपुर के पास इन छात्रों ने दिल्ली जानेवाली गुवाहाटी राजधानी एक्सप्रेस पर पथराव किया, रेल और सड़क यातायात को भी बाधित किया। इन लोगों का आरोप था कि बेतिया और मोतिहारी स्थित परीक्षा केंद्र तक जाने के लिए कोई ट्रेन उपलब्ध नहीं है।
इंडिया टीवी ने अपने कार्यक्रम 'आज की बात' में भीड़ से भरे डिब्बों के दरवाजों से लटके हुए और इंजन पर चढ़े हुए छात्रों के वीडियो दिखाए। सैकड़ों छात्र ट्रेन की छत पर बैठे हुए थे। पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे रेलवे अधिकारियों ने ट्रेन के इंजन पर चढ़े छात्रों को उतारने की कोशिश भी की। वहीं सैकड़ों परीक्षार्थी ऐसे थे जो कि भीड़ के चलते ट्रेन में सवार ही नहीं हो पाए और रेलवे प्लेटफॉर्म पर ही फंसे रहे क्योंकि वहां कोई और ट्रेन भी उपलब्ध नहीं थी।
पिछले एक साल में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय रेलवे के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए बहुत सारे काम किए हैं। उन्होंने एक दिन पहले वादा किया था कि अब देश की ज्यादातर ट्रेनों को हाई स्पीड करने के साथ ही ट्रेनों की टाइमिंग और सुविधाओं में सुधार किया जाएगा। लेकिन जब पीयूष गोयल बिहार में भीड़-भाड़ वाली ट्रेनों के इन दृश्यों को देखेंगे तो उन्हें अंदाजा हो जाएगा कि उनका काम कितना मुश्किल है।
इस सच्चाई से कोई इनकार नहीं कर सकता कि पिछले कुछ वर्षों में रेल सेवाओं और रेलवे स्टेशनों के रखरखाव में काफी सुधार हुआ है। लगभग 100 स्टेशनों पर वाई-फाई सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। हादसों से बचने के लिए एंटी-कोलिजन डिवाइस का इस्तेमाल हो रहा है। ट्रेनें कमोबेश समय पर चल रही हैं और जनरल डिब्बों की संख्या भी बढ़ाई गई है।
इन सबके बाद भी ट्रेनों में लोग लटककर सफर कर रहे हैं, या फिर इंजन पर चढ़कर सफर कर रहे हैं तो इसके लिए क्या आप सिर्फ रेलवे को दोषी ठहराएंगे? दरअसल इस तरह के हालात के लिए पूरा सिस्टम जिम्मेदार है। बिहार पुलिस कांस्टेबल प्रवेश परीक्षा की तारीखों को लेकर पहले से ही चर्चा हो रही थी और कमोबेश यह सबके संज्ञान में था। अगर बिहार पुलिस ने भर्ती की परीक्षा आयोजित की थी तो उसे ये भी मालूम ही होगा कि कितने नौजवान परीक्षा में पहुंचेंगे। ऐसे में बिहार पुलिस रेलवे को पहले से सूचित कर सकती थी ताकि रेलवे इन उम्मीदवारों के लिए स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था कर सके। लेकिन ऐसा नहीं हो सका और इसका परिणाम हम सबने देखा। (रजत शर्मा)
देखिए, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 13 जनवरी 2019 का पूरा एपिसोड
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