Rajat Sharma’s Blog: कर्नाटक में सियासी नाटक होना तय था
पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों के बाद खंडित जनादेश देने वाले इस राज्य के राजनीतिक घटनाक्रमों पर केंद्र पैनी नजर बनाए हुए है।
![Rajat Sharma’s Blog: कर्नाटक में सियासी नाटक होना तय था India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma | India TV- India TV Hindi](https://resize.indiatv.in/resize/newbucket/250_-/2019/07/rajat-sharma-1562654755.webp)
कर्नाटक में मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन की सरकार टूटने की कगार पर है। किसी भी तरह की ‘टूट-फूट’ को रोकने के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन के 14 विधायकों को पहले मुंबई, और फिर वहां से सड़क मार्ग से गोवा शिफ्ट किया गया। बागी विधायकों में से कुछ को मंत्री बनाने के लिए कुमारस्वामी को फ्री हैंड देने के लिए सरकार के सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है।
कांग्रेस के 10 और जद(एस) के 3 बागी विधायकों ने पहले ही शनिवार को अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया था, जिससे 13 महीने पुरानी गठबंधन सरकार के लिए एक बड़ा संकट पैदा हो गया। पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों के बाद खंडित जनादेश देने वाले इस राज्य के राजनीतिक घटनाक्रमों पर केंद्र पैनी नजर बनाए हुए है।
कर्नाटक में जो सियासी नाटक देखने को मिल रहा है, इसकी भूमिका उसी दिन बननी शुरू हो गई थी जब दोनों दलों के बीच जल्दबाजी में हुए गठबंधन के बाद कुमारस्वामी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उसके बाद से कुमारस्वामी आधिकारिक तौर पर कई बार कह चुके हैं कि उन्हें खुद नहीं पता कि उनकी सरकार कितने दिन की मेहमान है। कुमारस्वामी ने यह भी कहा कि उन्होंने कांटों का ताज पहना है और वह किस कीमत पर और किस तरह से यह सरकार चला रहे हैंये सिर्फ वही जानते हैं।
कुमारस्वामी कई बार जनता के बीच आंसू बहा चुके हैं, और कांग्रेस भी यह इल्जाम लगाती रही है कि मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी उसके विधायकों को ‘तोड़ने’ की कोशिश कर रही है। इसमें हैरान होने की कोई बात नहीं है क्योंकि कोई भी विपक्षी दल विरोधी गठबंधन के अंदर चल रही खींचतान से फायदा लेने की कोशिश जरूर करेगा। गेंद अब स्पीकर के पाले में है। उन्हें विधायकों द्वारा सौंपे गए इस्तीफे के बारे में फैसला करना है। मुख्यमंत्री ने असंतुष्टों को खुले तौर पर मंत्री पद की पेशकश की है, लेकिन अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता।
मुझे नहीं लगता कि बीजेपी बागी विधायकों को अपने साथ मिलाने और सरकार बनाने का दावा पेश करने में किसी तरह की जल्दबाजी दिखाएगी। यदि ऐसा होता है तो कांग्रेस के उस आरोप को बल मिलेगा कि बीजेपी ने उनकी पार्टी के विधायकों को ‘तोड़ा’ है। हालांकि जेडी(एस) ने कांग्रेस को अपने विधायकों को तय समय के अंदर मनाने के लिए कहा है, लेकिन बागियों के वापस आने की संभावना अब कम ही है। ऐसी परिस्थिति में, मुख्यमंत्री इस्तीफा दे सकते हैं और इसके बाद राज्यपाल तय करेंगे कि आगे क्या करना है। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 08 जुलाई 2019 का पूरा एपिसोड