महाराष्ट्र आतंक निरोधी दस्ते (ATS) के पूर्व प्रमुख हिमांशु रॉय ने शुक्रवार को मुंबई के नरीमन प्वॉइंट स्थित घर में गोली मारकर खुदकुशी कर ली। इस घटना से मुंबई पुलिस और बॉलीवुड में उनके दोस्तों में शोक की लहर छा गई। हिमांशु रॉय सन 2000 से कैंसर से जूझ रहे थे और उनका इलाज चल रहा था।
जो लोग भी हिमांशु रॉय के संपर्क में आए वे उनके व्यक्तित्व और सुगठित शऱीर से तो प्रभावित हुए ही, एक बेहतरीन पुलिस अधिकारी के तौर पर कई हाईप्रोफाइल मामलों की जांच में उनके शानदार प्रदर्शन ने भी लोगों को प्रभावित किया। उन्होंने पत्रकार जे. डे हत्याकांड की जांच की थी जिसमें अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को हाल में उम्रकैद की सजा सुनाई गई। उन्होंने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग के अलावा अभिनेत्री लैला खान केस, 26/11 आतंकी हमला, शक्ति मिल रेप केस, मालेगांव ब्लास्ट केस और पल्लवी पुरकायस्थ हत्याकांड की जांच की थी।
हिमांशु को फिटनेस का शौक था। वे हमेशा अपनी फिटनेस का ध्यान रखते थे। लेकिन तकदीर को कुछ और ही मंजूर था। उनकी खुदकुशी ने सबको चौंका दिया। दो साल पहले जब यह पता चला कि उन्हें एक बार फिर से कैंसर ने जकड़ लिया है तो उन्हें लम्बी छुट्टी दी गई। उन्हें महाराष्ट्र पुलिस में अतिरिक्त महानिदेशक (होमगार्ड) बना दिया गया। वे पिछले दो साल से छुट्टी पर थे। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि लंबी बीमारी और डिप्रेशन की वजह से वे बेहद कठोर कदम उठा रहे हैं।
वजह चाहे जो भी हो, एक काबिल पुलिस अफसर का सुसाइड महाराष्ट्र और मुंबई पुलिस के लिए बहुत बडा नुकसान है। (रजत शर्मा)
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