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Hindi News भारत राष्ट्रीय Rajat Sharma Blog: अमृतसर में दुखद ट्रेन हादसे पर उठ रहे हैं कई सवाल

Rajat Sharma Blog: अमृतसर में दुखद ट्रेन हादसे पर उठ रहे हैं कई सवाल

दशहरा कार्यक्रम को अच्छी तरह से प्रचारित किया गया था तो फिर अमृतसर स्थित रेल अधिकारियों को इसकी सूचना क्यों नहीं दी गई थी कि कार्यक्रम खत्म होने तक ट्रेनों की आवाजाही रोकी जाए या रफ्तार बेहद धीमी रखी जाए?

Rajat Sharma Blog: Several questions arise over tragic train accident in Amritsar - India TV Hindi Image Source : INDIA TV Rajat Sharma Blog: Several questions arise over tragic train accident in Amritsar 

अमृतसर में शुक्रवार की शाम दशहरा मेले के दौरान हुआ दुखद ट्रेन हादसा वास्तव में रूह को कंपा देनेवाला है। यह एक बनी बनाई आपदा थी जो हमारे सिस्टम पर बहुत सारे सवाल खड़े करती है। रेल अधिकारी ये दावा कर रहे हैं कि उस वक्त दो ट्रेनों को वहां से गुजरना था, जौड़ा फाटक के गेट बंद होने के बावजूद भीड़ रेल पटरी पर जमा हो गई थी। लेकिन मौके पर मौजूद लोग जो बात कह रहे हैं वो रेल अधिकारियों के दावे से बिल्कुल अलग हैं।

कुछ ऐसे सवाल मन में उठ रहे हैं जिनका जवाब पूरा देश जानना चाहता है। पहला, हर साल रावण दहन का कार्यक्रम रेल पटरी से बिल्कुल सटी जगह पर होता था तो फिर प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के इंतजाम क्यों नहीं किए?

दूसरा, रेलवे के अफसरों ने आम लोगों को रेल पटरी से दूर रखने के लिए कर्मचारियों को तैनात क्यों नहीं किया?

तीसरा, हो सकता है हादसे के वक्त रेलवे फाटक बंद हो, लेकिन सवाल ये है कि जब एक नहीं दो-दो ट्रेन वहां से गुजरने वाली थी तो फिर स्थानीय लोगों को रेलवे के अधिकारियों ने सतर्क क्यों नहीं किया?

चौथा, जब रेल अधिकारी इस बात को जानते थे कि रेल लाइन के बिल्कुल किनारे दशहरे का कार्यक्रम आयोजित हो रहा है तो फिर ट्रेन की रफ्तार कम क्यों नहीं की गई?

पांचवां, दो ट्रेनों को एक ही समय में पटरी से गुजरना था और स्थानीय रेल कर्मचारियों को इसकी पूर्व सूचना थी, तो फिर उन्होंने रेल पटरी पर जमा लोगों को वहां से हटने के लिए अलर्ट क्यों नहीं किया?

छठा, चूंकि दशहरा कार्यक्रम को अच्छी तरह से प्रचारित किया गया था तो फिर अमृतसर स्थित रेल अधिकारियों को इसकी सूचना क्यों नहीं दी गई थी कि कार्यक्रम खत्म होने तक ट्रेनों की आवाजाही रोकी जाए या रफ्तार बेहद धीमी रखी जाए?

सातवां, इतना बड़ा कार्यक्रम हो रहा था तो स्थानीय प्रशासन और रेल अधिकारियों के बीच समन्वय का अभाव क्यों था ?

आठवां, स्थानीय पुलिस लोगों को रेल पटरी पर जाने से क्यों नहीं रोक पाई?

नौवां और आखिरी सवाल, अगर डॉ. नवजोत कौर सिद्धू उस कार्यक्रम के दौरान मौजूद थीं तो वो मौके पर लोगों की मदद करने के बजाए वो वहां से निकल क्यों गईं? 
 
ये ऐसे सवाल हैं जिनके सही जवाब तलाश करने की हम लगातार कोशिश करते रहेंगे। (रजत शर्मा)

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