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Hindi News भारत राष्ट्रीय Rajat Sharma Blog: राहुल को समझना चाहिए कि पाकिस्तान हमारे घरेलू मसलों का बेजा फायदा उठा रहा है

Rajat Sharma Blog: राहुल को समझना चाहिए कि पाकिस्तान हमारे घरेलू मसलों का बेजा फायदा उठा रहा है

सियासत अपनी जगह है लेकिन कांग्रेस और राहुल गांधी को ये याद रखना चाहिए कि प्रधानमंत्री किसी एक पार्टी का नहीं होता, वो पूरे देश का होता है इसलिए जाने अनजाने ऐसा कोई काम ना करें जिसका फायदा उठाकर पाकिस्तान को हमारे प्रधानमंत्री की गरिमा कम करने का मौका मिले।

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान की मीडिया और नेताओं की जुबान पर छाए हुए हैं। राफेल मसले पर राहुल देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीखी आलोचनाएं कर रहे हैं, यहां तक कि वह प्रधानमंत्री के बारे में “चौकीदार चोर है” और “कमांडर-इन-थीफ” जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसी बातें पाकिस्तान को सूट कर रही है। पाकिस्तान के कई नेताओं ने राहुल गांधी के बयानों का हवाला देकर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की है।

पाकिस्तान को ये मौका तब हाथ लगा है, जब भारत ने न्यूयॉर्क में पाकिस्तान के साथ विदेश सचिव स्तर की वार्ता के लिए इमरान खान की पेशकश को इसलिए खारिज कर दिया क्योंकि सीमा पर पाकिस्तानियों ने बीएसएफ के एक जवान नरेंद्र सिंह के शव को क्षत-विक्षत कर दिया था और कश्मीर घाटी में आतंकियों ने तीन पुलिसकर्मियों को अगवा कर उन्हें गोली मार दी थी।

पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री रहमान मलिक ने राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के एक वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा है कि “राहुल अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेंसिबल बातें कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी उनसे डर गए हैं”। रहमान मलिक ने ये भी लिखा है– “नोट कर लीजिए राहुल गांधी अगले इलेक्शन में प्रधानमंत्री मोदी को हराएंगे। राहुल गांधी आपके अगले प्रधानमंत्री बनने वाले हैं इसलिए उनका सम्मान कीजिए।''

पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने यहां तक कह दिया कि "राफेल मुद्दा प्रधानमंत्री मोदी के लिए पनामा साबित होगा।" फवाद चौधरी  राफेल मुद्दे की तुलना पनामा पेपर्स मामले में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनकी बेटी और दामाद को जेल भेजे जाने से कर रहे थे। राहुल गांधी को समझना चाहिए कि हमारे जो भी आपसी मतभेद हों, जो भी झगड़े हों, उन्हें अपने घर तक सीमित रखना चाहिए। देश के दुश्मनों को ऐसा कोई मौका नहीं देना चाहिए जिससे वो हमारे अन्दरूनी  राजनैतिक झगड़ों का बेजा इस्तेमाल करे सकें।

मुझे याद है सितंबर 2013 में पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम नवाज शऱीफ ने उस समय के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को “देहातन”  कहकर उनका मज़ाक उड़ाया था। तब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे औऱ मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री। मोदी ने दिल्ली में अपनी चुनावी रैली में कहा था कि देश में हम अपने पीएम से चाहें लड़ाईं करें, उनसे चाहे सवाल पूछें लेकिन नवाज शरीफ की इतनी औकात नहीं है कि वो हमारे भारत के प्रधानमंत्री का ऐसा मज़ाक उड़ाएं। राहुल गांधी भी इसी रास्ते पर चलेंगे तो अच्छा होगा।

सियासत अपनी जगह है लेकिन कांग्रेस और राहुल गांधी को ये याद रखना चाहिए कि प्रधानमंत्री किसी एक पार्टी का नहीं होता, वो पूरे देश का होता है इसलिए जाने अनजाने ऐसा कोई काम ना करें जिसका फायदा उठाकर पाकिस्तान को हमारे प्रधानमंत्री की गरिमा कम करने का मौका मिले। (रजत शर्मा)

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