Rajat Sharma Blog: राहुल गांधी गलत शब्दों का प्रयोग करके बेवजह मुसीबतों को दावत दे रहे हैं
प्रधानमंत्री ने कहा कि राहुल की यह टिप्पणी उन सभी की भावनाओं को आहत कर सकती है, जिनका सरनेम मोदी है और जो अलग-अलग राज्यों और जातियों से ताल्लुक रखते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ राफेल सौदे को लेकर अपने पुराने आरोपों को दोहराया। इन आरोपों को और असरदार बनाने के लिए राहुल ने कहा, ‘मेरा एक सवाल है। नीरव मोदी, ललित मोदी या नरेंद्र मोदी, सभी चोरों के नाम में मोदी क्यों होता है? हम नहीं जानते कि इस तरह के और कितने मोदी सामने आएंगे।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए इस बात का जवाब दिया। उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि राहुल ने 'मोदी' उपनाम के बारे में क्या कहा था। मोदी ने कहा कि यदि राहुल गांधी उनके ऊपर निजी हमला करते हैं तो यह बात वह अच्छी तरह समझ सकते हैं, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष अब यह भी कहने लगे हैं कि सभी ‘चोरों’ के नाम में ‘मोदी’ क्यों है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राहुल की यह टिप्पणी उन सभी की भावनाओं को आहत कर सकती है, जिनका सरनेम मोदी है और जो अलग-अलग राज्यों और जातियों से ताल्लुक रखते हैं।
बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने मंगलवार को कहा भी है कि वह राहुल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे। वहीं, भारत के विभिन्न राज्यों में मोदी उपनाम रखने वाले लोग भी मानहानि का मुकदमा दायर करने की योजना बना रहे हैं। यह जुबान फिसलने का एकलौता मामला नहीं है। बीजेपी की सांसद मीनाक्षी लेखी की याचिका पर कार्रवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राहुल गांधी को इसलिए नोटिस जारी किया कि वह जनता को यह कहकर गुमराह करते हैं कि शीर्ष अदालत ने प्रधानमंत्री को राफेल सौदे में भ्रष्टाचार का दोषी पाया है।
भारत के चीफ जस्टिस ने कहा, 'हमने ऐसी कोई बात नहीं कही है (चौकीदार चोर है)। हम यह स्पष्ट करते हैं कि राफेल मामले में दस्तावेजों को स्वीकार करने के लिए उनकी वैधता पर सुनवाई करते हुए इस तरह की टिप्पणियां करने का मौका कभी नहीं आया।' राहुल गांधी ने कहा था कि ‘अब सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार ने चोरी की है।’ कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष को 22 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।
मैंने 10 अप्रैल को 'आज की बात' शो में पहले ही कहा था और इस ब्लॉग पर लिखा था कि राहुल ने झूठ बोलकर और सुप्रीम कोर्ट का गलत हवाला देकर गलती की है। 23 अप्रैल को उनके जवाब पर होने वाली सुनवाई में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। राहुल अब यह तर्क भी नहीं दे सकते कि उनका इरादा शीर्ष अदालत के आदेश को गलत तरीके से पेश करने का नहीं था, और न ही वह यह कह सकते हैं कि उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। राहुल गांधी ने जो भी कहा है वह सब रिकॉर्ड में है।
एक बात तो तय है कि चुनाव प्रचार की तपिश में इस तरह की विवादित टिप्पणियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट कड़ा रुख अपनाने जा रहा है। पहले से ही चुनाव आयोग ने शीर्ष अदालत के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा नेता आजम खान को 48 से 72 घंटे तक चुनाव प्रचार करने से रोक दिया। हमारे नेताओं को सियासी प्रचार की सरगर्मियों के बीच अपने बयानों को लेकर संयम बरतना चाहिए। (रजत शर्मा)
देखें, 'आज की बात, रजत शर्मा के साथ', 16 अप्रैल 2019 का पूरा एपिसोड