कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात के गांधीनगर से अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत की। इस दौरान पार्टी की नई महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपना पहला चुनावी भाषण दिया। प्रियंका गांधी का भाषण सिर्फ सात मिनट का ही रहा और राहुल गांधी ने करीब-करीब आधे घंटे का भाषण दिया, लेकिन दोनों के भाषण में सुनने वालों को फर्क साफ नजर आया।
प्रियंका का भाषण बहुत सरल और विषय केंद्रित था जबकि राहुल गांधी के भाषण में वही बातें थी जो वे रोज पब्लिक मीटिंग्स में पिछले तीन साल से बिना किसी बदलाव के कह रहे हैं। राहुल गांधी अपने लंबे-चौड़े भाषण से वो प्रभाव पैदा नहीं कर पाए जो प्रियंका गांधी ने सिर्फ सात मिनट के भाषण में कर दिया। प्रियंका के भाषण का असर साफ नजर आया। प्रियंका बड़ी आसानी से सहजता के साथ आम आदमी के साथ घुलमिल जाती हैं। उन्होंने अपने भाषण में यह दावा नहीं किया कि वे ज्यादा जानती हैं, लेकिन उन्होंने लोगों से कहा कि वो तय करें कि क्या गलत है और क्या सही।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना प्रियंका ने उस टिप्पणी पर सवाल उठाया जिसमें पीएम मोदी ने कहा था कि देश सुरक्षित हाथों में हैं। प्रियंका ने कहा, देश की सुरक्षा देश के लोगों के हाथों में है। लोग जागरूक रहेंगे तो देश भी सुरक्षित रहेगा। प्रियंका गांधी ने न तो किसी को चोर कहा, न किसी का अपमान किया, न ही मोदी का नाम लिया, न बीजेपी का, लेकिन बेहद प्रभावी तरीके से सबकुछ कह दिया।
कुल मिलाकर इस भाषण में प्रियंका राहुल पर भारी पड़ीं। प्रियंका के इस भाषण के बाद उम्मीद है कि राहुल गांधी अपनी बहन से राजनीतिक शिष्टाचार और भाषा की मर्यादा का तकाजा जरूर सीखेंगे। (रजत शर्मा)
देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 12 मार्च 2019 का पूरा एपिसोड
Latest India News