Rajat Sharma's Blog: पीएम मोदी को अरुण जेटली की कमी जरूर खलेगी
नरेंद्र मोदी अपने दोस्त को खोकर, सिर्फ एक तस्वीर में देखकर कितने दुखी थे, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।
अरुण जेटली का साथ छूटे पांच दिन बीत चुके हैं और अब भी यकीन ही नहीं होता कि उन्हें अग्नि को सौंप दिया गया है, उनकी अस्थियों को गंगा में प्रवाहित भी किया जा चुका है। मंगलवार को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा से वापस लौटे, तो अरुण जेटली के घर गए और उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की।
नरेंद्र मोदी ने बेहद शांत भाव से अरूण जेटली की तस्वीर के आगे हाथ जोड़े, उस वक्त उनकी आंखें नम थीं। मैं नहीं जानता कि उन्होंने कैसे अपने आंसुओं को रोका होगा। नरेंद्र मोदी और अरूण जेटली गहरे दोस्त थे। वे एक-दूसरे के सुख-दुख के साथी थे। उनका रिश्ता मंत्री और प्रधानमंत्री का नहीं था, यह रिश्ता भावना का था....अपनेपन का था।
मुझे याद है एक दिन हॉस्पिटल के कमरे में टीवी पर नरेंद्र मोदी को चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग के साथ देखकर अरूण जेटली कितने उत्साहित थे। उन्होंने मुझसे कहा, 'देखो, ये अपना दोस्त अपनी लगन और अपनी मेहनत से कहां से कहां पहुंच गया। मोदी जी आज दुनिया के टॉप चार लीडर्स में एक हैं।' अरुण जेटली अपने मित्र की उंचाइयों को देखकर खुश थे और आज नरेंद्र मोदी अपने दोस्त को खोकर, सिर्फ एक तस्वीर में देखकर कितने दुखी थे, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।
मोदी जी बेहद भावुक इंसान हैं और वे रिश्तों को बहुत अहमियत देते हैं। इसलिए मैं जानता हूं कि एक दोस्त के खोने का दुख कितना गहरा होगा, लेकिन वे 'कर्मयोगी' हैं। नरेंद्र मोदी, अरूण जेटली की तरह की तरह इस बात को मानते हैं कि अवसाद कितना भी गहरा क्यों न हो, कर्तव्य की गति को विराम नहीं लगना चाहिए। मोदी जी दुखी मन से विदेश में थे, लेकिन जिम्मेदारी निभाते रहे और माथे पर शिकन भी नहीं आने दी। विदेश से लौटते ही सबसे पहले अरूण जेटली के घर गए, परिवार को हिम्मत बंधाई और फिर अपने काम में जुट गए।
हम सब अपनी तरफ से कोशिश कर रहे हैं कि अरुण जेटली की यादों को और उनके काम को अमर बना दिया जाए। इसका एक छोटा सा प्रयास हमने भी किया। मैं दिल्ली क्रिकेट एसोशिएसन (डीडीसीए) का अध्यक्ष हूं। मैंने अपनी अपैक्स काउंसिल के सदस्यों से बात की और सबने मिलकर तय किया कि दिल्ली के फिरोज शाह कोटला क्रिकेट स्टेडियम का नाम अरूण जेटली स्टेडियम रख दिया जाए। अरुण जेटली 13 वर्षों तक डीडीसीए के अध्यक्ष रहे और उनके कार्यकाल में पूरे स्टेडियम को नया रूप दिया गया। स्टेडियम की क्षमता बढ़ाई गई, ड्रेसिंग रूम और खिलाड़ियों के कमरों को नया रूप दिया गया। यहां दर्शकों और खिलाड़ियों बहुत सारी सुविधाएं अरूण जेटली के प्रयासों से मिलीं। हालांकि ग्राउंड का नाम फिरोजशाह कोटला ग्राउंड बना रहेगा।
ये अरूण जेटली के प्रोत्साहन और मार्गदर्शन का असर था कि दिल्ली ने विराट कोहली, वीरेन्द्र सहवाग, गौतम गंभीर, आशीष नेहरा, ईशांत शर्मा, शिखर धवन और ऋषभ पंत जैसे अनेक राष्ट्रीय खिलाड़ी दिये।
इस स्टेडियम का नाम 12 सितंबर को एक भव्य समारोह में रखा जाएगा, जहां पर टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली और उनकी सारी टीम मौजूद होगी। गृह मंत्री अमित शाह इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। टीम इंडिया के सदस्यों के अलावा दिल्ली के सारे पुराने क्रिकेटर्स और अन्य ख्याति प्राप्त क्रिकेटर्स भी इस समारोह में शामिल होंगे। (रजत शर्मा)
देखिए, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 27 अगस्त 2019 का पूरा एपिसोड