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RAJAT SHARMA BLOG: संसद में पीएम मोदी का आक्रामक भाषण

संसद की यह परंपरा रही है कि जब प्रधानमंत्री सदन में बोलते हैं तो सारा सदन उनकी बात सुनता है। न कोई शोर मचाता है और न ही ज्यादा टोका-टाकी होती है। लेकिन बुधवार को कांग्रेस के सांसदों ने प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान लगातार नारे लगाए।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को संसद के दोनों सदन में पूरे मिजाज में नजर आए। कांग्रेस और नेहरू-गांधी वंशवाद के खिलाफ अपने आक्रामक भाषण से उन्होंने विपक्षी दल को परेशान कर दिया। पहली बार प्रधानमंत्री ने लोकसभा के पटल पर विस्तार से बताया कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने राज्य प्रमुखों की इच्छा का अनादर करके प्रधानमंत्री का पद सरदार पटेल की जगह नेहरू को दिया। कैसे राजीव गांधी ने आंध्र प्रदेश में अपनी पार्टी के दलित मुख्यमंत्री टी अंजैय्या को सार्वजनिक तौर पर अपमानित कर तेलगू गरिमा को ठेस पहुंचाई जिससे एनटी रामाराव को तेलगूदेशम पार्टी बनाने का अवसर मिला। कैसे राहुल गांधी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के कैबिनेट प्रस्ताव की कॉपी सार्वजनिक तौर पर फाड़ी थी। अगर सरदार पटेल प्रधानमंत्री बन गए होते तो पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा होता, यह कहकर पीएम मोदी ने जख्मों पर और नमक छिड़क दिया। पीएम मोदी ने कहा, देश आज कांग्रेस के 'पापों' की कीमत चुका रहा है।
 
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष की तरफ से उठाए गए ज्यादातर सवालों के जवाब दिए, कुछ पुराने और कुछ नए, लेकिन सबसे अहम तथ्य का खुलासा उन्होंने यूपीए शासन के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के नन परफॉर्मिंग एसेट (NPA)को लेकर किया। नरेन्द्र मोदी ने जो आंकड़े दिए वो हैरान करने वाले थे। 2008 में बैंकों पर 18 लाख करोड़ रुपए की NPA थी वह साल 2014 में बढ़कर 52 लाख करोड़ हो गई थी। जिस कांग्रेस के राज में 52 लाख करोड़ रुपया बैंकों से ऐसे लोगों के हाथों में चला गया जहां से लोन वापस नहीं हो पाए, बैंकों को उन्हें नॉन परर्फोमिंग ऐसेट डिक्लेयर करना पड़ा। उस पर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी बार-बार ये कैसे कह सकते हैं कि नरेन्द्र मोदी पांच-छह उद्योगपतियों के लिए सरकार चलाते हैं। यह सोचने वाली बात है।
 
राहुल गांधी यह सवाल उठा रहे हैं कि फ्रांस से 36 राफेल एयरफ्राफ्ट की खरीद का ब्यौरा क्यों छिपाया जा रहा है। राफेल डील के डिटेल्स सार्वजनिक करने की मांग की जा रही है। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार कुछ ब्यौरा दिया लेकिन एयरक्राफ्ट में लगे हाईटेक उपकरणों और हथियारों को लेकर ब्यौरा देने से यह कहकर इनकार किया कि इससे राष्ट्र की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है । ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि सरकार ने ऐसा ब्यौरा देने से मना किया हो। खुद यूपीए सरकार के दौरान साल 2008 में रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सुरक्षा कारणों से इजरायल के साथ मिसाइल सौदे का ब्यौरा देने से इनकार कर दिया था। 
 
पीएम मोदी ने बुधवार को आक्रामक भाषण इसलिए दिया क्योंकि कांग्रेस के कुछ नेता खासतौर से राहुल गांधी उनपर पिछले कई दिनों से लगातार व्यक्तिगत हमले कर रहे थे। तरह-तरह के इल्जाम लगाए जा रहे थे। इसलिए पीएम मोदी ने एक-एक आरोप का जवाब दिया। राजनीतिक भाषणबाज़ी अपनी जगह है लेकिन एक और बात है जिसका जिक्र मैं करना चाहता हूं। संसद की यह परंपरा रही है कि जब प्रधानमंत्री सदन में बोलते हैं तो सारा सदन उनकी बात सुनता है। न कोई शोर मचाता है और न ही ज्यादा टोका-टाकी होती है। लेकिन बुधवार को कांग्रेस के सांसदों ने प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान लगातार नारे लगाए और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की, जबकि वे सदन में मौजूद थे। प्रधानमंत्री का पूरा भाषण शोर-शराबे के बीच हुआ। इसे किसी भी लिहाज से सही नहीं माना जा सकता। यह लोकतंत्र का अपमान है। यह संसदीय परंपराओं की अवमानना है और प्रधानमंत्री के पद की गरिमा के खिलाफ है। (रजत शर्मा)

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