जम्मू-कश्मीर के कठुआ में चरवाहों के बकरवाल समुदाय की 8 साल की मासूम लड़की का अपहरण कर क्रूरता से उसकी हत्या से पहले कई दिनों तक गैंगरेप किया गया। पीड़िता को जिस तरह से अमानवीय और लोमहर्षक यातनाएं दी गई यह सुनने के बाद किसी की भी रूह कांप उठती है।
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बच्ची किस मजहब की थी और बच्ची कहां की रहने वाली थी। इसका भी कोई मतलब नहीं होना चाहिए कि बच्ची के साथ दरिंदगी करने वाले किस धर्म से ताल्लुक रखते हैं, क्योंकि ऐसे अपराधी इंसान कहलाने लायक ही नहीं हैं। ये इंसानियत को शर्मसार करने वाले लोग हैं ।
ये इंसानियत का सवाल है और इसमें सियासतदानों की कोई ज़रूरत नहीं है। सवाल यह है कि अब क्या किया जाना चाहिए। अब जरूरत इस बात की है कि इस मासूम बच्ची को इंसाफ मिले। जिन लोगों ने बच्ची के साथ दरिंदगी की उन्हें इस भयानक अपराध की सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। इन अपराधियों को ऐसी सजा मिले जो लोगों की आंख खोलने वाली हो। क्योंकि इस तरह के मामलों से समाज में कानून के प्रति लोगों का भरोसा कम होता है और दुनिया भर में देश की बदनामी होती है। (रजत शर्मा)
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