Rajat Sharma’s Blog: लोगों को दिल्ली के दंगाइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का इंतजार रहेगा
लोकसभा में 5 घंटे तक चली बहस में सबसे दुर्भाग्यपूर्ण पक्ष यह था कि अमित शाह के जवाब देते वक्त मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने वॉकआउट कर दिया था।
गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के दंगों पर पहली बार बोलते हुए बुधवार को लोकसभा में कहा कि दंगाइयों को इतनी कठोर सजा दी जाएगी कि ये आने वाले समय में पूरे देश के ऐसे अराजक तत्वों के लिए एक उदाहरण बन जाएगा। उन्होंने कहा, ‘मैं वादा करता हूं कि किसी को भी धर्म, जाति या राजनीतिक दल के आधार पर बख्शा नहीं जाएगा।’ शाह ने कहा कि उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से अनुरोध किया गया है कि वह एक सिटिंग जज को नियुक्त करे, जो क्लेम कमिशन के प्रमुख होंगे और वह दंगों के दौरान आगजनी, लूटपाट एवं संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली जाने वाली रकम का निर्धारण करेंगे।
शाह ने कहा कि दिल्ली के दंगों की प्लानिंग पहले ही कर ली गई थी। उन्होंने कहा कि इसे डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के समय इसलिए अंजाम दिया गया ताकि देश की छवि खराब हो। शाह ने कहा कि पुलिस ने 60 ऐसे सोशल मीडिया अकाउंट्स की पहचान की है जिन्हें 22 और 23 फरवरी को बनाया गया और 26 फरवरी को बंद कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि पुलिस ने चेहरे की पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हुए लगभग 1,000 दंगाइयों की पहचान की है जिनमें से लगभग 300 उपद्रवी उत्तर प्रदेश से आए थे। गृह मंत्री ने धर्म के आधार पर दंगा पीड़ितों की पहचान बताने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वह सभी पीड़ितों को भारतीय मानते हैं।
मुझे लगता है कि अमित शाह ने जिस नजीर बन जाने वाली सजा का वादा किया है, उसका भविष्य के दंगों पर निश्चित रूप से असर पड़ेगा, बशर्ते नीति को सख्ती के साथ लागू किया जाए। मैं उनके मंत्रालय द्वारा उन राष्ट्रविरोधी तत्वों की पहचान करने के लिए उठाए गए कदमों का भी स्वागत करता हूं जिन्होंने दंगाइयों की फंडिंग की थी। ऐसे 3 हवाला फाइनेंसरों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। अब देश के लोगों को इंतजार होगा कि दंगाइयों और उनके संचालकों के खिलाफ पुलिस कैसी कड़ी कार्रवाई करती है। लोकसभा में 5 घंटे तक चली बहस में सबसे दुर्भाग्यपूर्ण पक्ष यह था कि अमित शाह के जवाब देते वक्त मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने वॉकआउट कर दिया था। इस तरह के संवेदनशील मुद्दे पर वॉकआउट कर जाना हमारे लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। (रजत शर्मा)
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