इंडिया टीवी पर बुधवार रात एक पूर्व साध्वी ने गुरमीत राम रहीम के यौन उत्पीड़न की कंपा देनेवाली कहानी बयान की जो हमारे समाज में फैली कमजोरियों को उजागर करती है। साध्वी ने आरोप लगाया कि बाबा हर छह घंटे पर एक युवती से रेप करता था और अबतक करीब 2 हजार महिलाओं को शिकार बना चुका होगा। इस साध्वी की बात सुनकर एक बात साफ है कि डेरे में सब इस बात को जानते थे कि गुरमीत सिंह बाबा के भेष में एक क्रिमिनल है। उसके काले कारनामों से डेरे में रहने वाले भक्त वाकिफ थे लेकिन गुरमीत सिंह ने ऐसा खौफ का माहौल बनाया था कि कोई मुंह खोलने की हिम्मत नहीं करता था। जिसने भी मुंह खोलने के बारे में सोचा भी उसे मार दिया गया। लेकिन फिर भी एक सवाल है कि जब लोग जानते थे कि बाबा अपराधी है, बलात्कारी और हत्यारा है तो फिर जब उसे सजा सुनाई गई, बलात्कार का दोषी ठहराया गया, तो फिर भी इतने लोग पंचकुला क्यों पहुंच गए? क्यों पूरी रात लोग मीडिया से यह कहते रहे कि वे लोग बाबा के दर्शन करने आए हैं? क्यों लोग उसे पिता कहते रहे? अब इस तरह की अंधभक्ति को क्या कहेंगे? सबसे बड़ा सवाल है कि इस अंधभक्ति से बचाने के लिए हम क्या कर सकते हैं? समाज को जगाने के लिए हम क्या कर सकते हैं? (रजत शर्मा)
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