Rajat Sharma’s Blog: मोदी ने भारत-अमेरिका संबंधों को बराबरी पर लाकर खड़ा कर दिया
अब तक अमेरिका विश्व की महाशक्ति औऱ हम एक विकासशील देश के रूप में मिलते थे, लेकिन रविवार की रात की तस्वीरें बराबरी की तस्वीरें थीं। दोनों देशों के राजनेताओं के बीच समानता के, आत्म सम्मान के और गौरव के रिश्ते की तस्वीरें थीं। नरेन्द्र मोदी ने पूरी दुनिया में भारत का मान बढ़ाया।
रविवार को ह्यूस्टन के एनआरजी स्टेडियम में मैंने एक नया इतिहास रचते हुए देखा और ये काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा कोई दूसरा नहीं कर सकता । जिस अंदाज मे नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का हाथ पकड़कर मंच पर आए, 50 हजार भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों के बीच तिरंगे लहराए, भारत और अमेरिका के लोगों ने ऐसा नज़ारा पहले कभी नहीं देखा।
पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति अपनी ही देश में भारतीय प्रधानमंत्री के अतिथि बनकर आए। पहली बार अमेरिका की धरती पर भारत के प्रधानमंत्री ने वहां के राष्ट्रपति को उनके ही देशवासियों से ये कहकर मिलवाया कि 'मैं आपको अपने परिवार से मिलवा रहा हूं।' ये काम सिर्फ नरेन्द्र मोदी ही कर सकते थे। ये 50 हजार भारतवंशी अमेरिकी नागरिक आने वाले दिनों में ट्रंप के वोटर बन सकते हैं। इसीलिए इतिहास में ये पहला मौका था जब अमेरिका के राष्ट्रपति को लगा कि भारत के प्रधानमंत्री के साथ खड़े होने से उनका मान बढेगा और उनका फायदा भी होगा।
अब तक हमने भारत के प्रधानमंत्री को अमेरिका के साथ छोटे भाई की भूमिका में देखा था। अब तक अमेरिका विश्व की महाशक्ति औऱ हम एक विकासशील देश के रूप में मिलते थे, लेकिन रविवार की रात की तस्वीरें बराबरी की तस्वीरें थीं। दोनों देशों के राजनेताओं के बीच समानता के, आत्म सम्मान के और गौरव के रिश्ते की तस्वीरें थीं। नरेन्द्र मोदी ने पूरी दुनिया में भारत का मान बढ़ाया।
आप सिलसिलेवार तरीके से देखें कि किस तरह मोदी ने ह्यूस्टन के इस मेगा शो में अपना जादू चलाया । मंच पर एंट्री के वक्त मोदी को जो भव्य स्वागत मिला, वैसा स्वागत इस वक्त दुनिया के शायद ही किसी नेता को मिले।
मोदी जब मंच पर पहुंचे तो पूरा स्टेडियम 'मोदी-मोदी' के नारों से गूंज उठा। पचास हज़ार लोग अपनी सीट पर खड़े होकर 'मोदी-मोदी' के नारे लगा रहे थे। इनमें भारतवंशी अमेरिकी नागरिक तो थे ही, साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति, सीनेटर, टेक्सस और ह्यूस्टन के सीनियर नेता भी खड़े होकर और तालियां बजाकर मोदी का स्वागत कर रहे थे।
आपने ऐसी तस्वीरें भी देखी जिनकी आप कल्पना नहीं कर सकते। आप ही क्यों, शायद ही किसी ने कभी सोचा होगा कि अमेरिकी राष्ट्रपति एक दोस्त की तरह हाथों में हाथ डालकर मुस्कराते हुए अपने लोगों के बीच पूरे स्टेडियम में घूमते नजर आएंगे। तस्वीरों को ध्यान से देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि ये विचार मोदी का ही था। ह्यूस्टन के मेगा शो के बाद मोदी जिस तरह ट्रंप का हाथ पकड़कर लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे, जिस तरह विक्ट्री लैप ले रहे थे , उन तस्वीरों से साफ पता लग रहा था कि इस शो के स्टार नरेन्द्र मोदी हैं, लेकिन उन्होंने डोनल्ड ट्रंप की जिस अंदाज में तारीफ की, उससे ट्रंप को भी इस शो का स्टार बना दिया।
इससे पहले मोदी और ट्रंप जब रेड कार्पेट से होते हुए मंच की तरफ जा रहे थे, तब सांस्कृतिक मंडलियों में मौजूद एक किशोर ने दोनों नेताओं से सेल्फी खिंचवाने की अपील की। ये बालक दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री और दुनिया की सबसे शक्तिशाली लोकतंत्र के राष्ट्रपति के साथ फोटो खींचना चाहता था। मोदी ने इस किशोर को देखा और ट्रंप को उसके साथ सेल्फी लेने के लिए कहा। मोदी और ट्रंप के साथ सेल्फी लेने वाले 9 साल के इस किशोर का नाम सात्विक हेगड़े है । मूल रूप से कर्नाटक का रहने वाला सात्विक योग मंडली में शामिल था और योग कार्यक्रम खत्म होने के बाद वो उस पंक्ति में खड़ा हो गया जहां से ट्रंप और मोदी को गुजरना था और सात्विक इन दोनों नेताओं के साथ साथ सेल्फी लेने में भी कामयाब रहा ।
जरा याद कीजिए , 2006 में अमेरिका में रिपलिब्कन पार्टी की सरकार थी, जॉर्ज बुश राष्ट्रपति थे और नरेन्द्र मोदी को अमेरिका ने वीजा देने से मना कर दिया था। और 2019 में नरेन्द्र मोदी ने रिपब्लिकन राष्ट्रपति के लिए यह कह कर चुनाव प्रचार कर दिया, 'अबकी बार ट्रंप सरकार'।
मोदी ने 'हाउडी मोदी' के मंच से भारत की ताकत के बारे में दुनिया को बताया, कहा कि उनका लक्ष्य पांच साल के भीतर पांच ट्रिलियन की भारतीय़ अर्थव्यवस्था बनाने का है। मोदी ने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने में अमेरिका का अहम रोल रहेगा। अगर अमेरिकी अर्थव्यवस्था इसी रफ्तार से बढ़ती रही तो इसका फायदा भारत को भी होगा। मोदी ने ट्रंप की तारीफ करते हुए कहा कि ट्रंप The Art of Deal में माहिर हैं और वो उनसे बहुत कुछ सीखने वाले हैं।
आपको शायद याद हो कि 2012 में भारत के 65 सांसदों ने अमेरिकी राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी थी कि नरेन्द्र मोदी को वीजा न दिया जाए। नरेन्द्र मोदी ने इतिहास बदल दिया। रविवार की रात ह्यूस्टन में अमेरिका के 60 जाने माने सांसदों ने नरेन्द्र मोदी की रैली में शिरकत की। अमेरिका के बड़े-बड़े नेता नरेन्द्र मोदी के साथ सेल्फी खिंचवा रहे थे।
1990 में जब नरेन्द्र मोदी अमेरिका गए थे तो वह एक साधारण नागरिक थे और व्हाइट हाउस के बाहर खड़े होकर उन्होने तस्वीरें खिंचाई थी। आज व्हाइट हाउस में रहने वाले डोनल्ड ट्रंप ने कहा कि मोदी मेरे दोस्त है और वो दुनिया के शीर्ष नेताओं में से एक हैं।
हमारे बहुत से प्रधानमंत्री अमेरिका गए। बहुत से प्रधानमंत्रियों ने अमेरिकी राष्ट्रपतिय़ों के साथ अच्छे रिश्ते बनाए, लेकिन ये सारे रिश्ते ऐसे थे जिसमें हम एक सुपरपावर के साथ डील कर रहे थे, अमेरिका बड़ा देश और हम छोटे दिखते थे। अमेरिका ने हमारा साथ दिया, अमेरिका के राष्ट्रपति ने हमें समय दिया - उस ज़माने में ये बड़ी बात होती थी। लेकिन नरेन्द्र मोदी ने इस पूरे इतिहास को पलट दिया। भारत और अमेरिका को बराबरी के स्तर पर लाकर खड़ा कर दिया। भारत का प्रधानमंत्री अमेरिका से कुछ मांगता नजर नहीं आया बल्कि बहुत कुछ देता नजर आया । नरेन्द्र मोदी ने डोनल्ड ट्रंप के साथ जो रिश्ता बनाया, रविवार की रात जो रिश्ता हमने देखा, वो बराबरी का रिश्ता है, भारत के आत्म सम्मान का रिश्ता है और आने वाले दिनों में इस बराबरी के रिश्ते की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई देगी। (रजत शर्मा)
देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 23 सितंबर 2019 का पूरा एपिसोड