ईद उल-फ़ितर के दिन कोलकाता के रेड रोड पर नमाज पढ़ने वाले धर्मनिष्ठ मुसलमानों की एक सभा को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक जोरदार राजनीतिक भाषण दिया। ममता बनर्जी ने बीजेपी के लिए चेतावनी भरे शब्दों में कहा, ‘जो हमसे टकराएगा, चूर-चूर हो जाएगा।’ तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ने मुसलमानों से कहा कि वे एकजुट रहें ‘ताकि हम आपके लिए लड़ सकें।’ उन्होंने पश्चिम बंगाल के मुसलमानों से कहा, ‘डरने की कोई बात नहीं है। डरो मत। जितनी तेजी से उन्होंने ईवीएम पर कब्जा किया, उतनी ही जल्दी वे चले जाएंगे।’
अपने खास अंदाज में ममता बनर्जी ने कहा, ‘त्याग का नाम है हिंदू, ईमान का नाम है मुसलमान, प्यार का नाम है ईसाई, सिख का नाम है बलिदान, ये है हमारा प्यारा हिंदुस्तान। जो हमसे टकराएगा, चूर-चूर हो जाएगा। ये हमारा स्लोगन है।’ लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ममता बनर्जी की प्रतिक्रियाओं से मैं हैरान हूं। वह अपने राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 2014 में 2 के मुकाबले 2019 में 18 सीटों तक पहुंची बीजेपी की सफलता को पचा नहीं पा रही हैं।
ममता बनर्जी एक अनुभवी राजनेता हैं और वे पश्चिम बंगाल की राजनीति को काफी अच्छी तरह समझती हैं। वह बंगाली भद्रलोक के मिजाज को भी काफी अच्छी तरह जानती हैं। इसके बावजूद वह ईद जैसे मौके पर अपनी नफरत को साफतौर पर जाहिर करती हैं। वह बीजेपी के नाम पर बंगाली मुसलमानों के मन में डर बैठाने की कोशिश करती हैं, और मुसलमानों के लिए लड़ने के बारे में खुलकर बात करती हैं। ये निराशा की हालत को दिखाते हैं जिनका सामना ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से कर रही होंगी।
ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में सरकार चला रही हैं और उनके हाथों में सारी शक्ति केंद्रित है। ऐसा कैसे हो सकता है कि बंगाल में दूसरे लोग आकर मुसलमानों को धमका सकें? मैं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की उस बात से सहमत हूं, जब उन्होंने कहा था कि ‘ममता को न मुसलमानों की चिंता है, न हिंदुओं की, उन्हें सिर्फ इस बात की चिंता है कि अगली बार उनकी सरकार कैसे बचेगी।’ यह एक वाक्य उस स्थिति को बयां कर देता है जहां ममता इस समय खुद को पा रही हैं। (रजत शर्मा)
देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 5 जून 2019 का पूरा एपिसोड
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