मिग-21 बाइसन को उड़ाने वाले विंग कमांडर अभिनंदन बुधवार को जब पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिए गए, तो पाकिस्तानी स्रोतों से 2 वीडियो सोशल मीडिया पर तुरंत सामने आए। इनमें से एक वीडियो में विंग कमांडर को एक अधिकारी द्वारा ले जाए जाने से पहले पाकिस्तानी सैनिक पीट रहे हैं। वहीं, एक दूसरे वीडियो में पायलट की आंखों पर पट्टी बंधी है और वह अपना नाम, रैंक और सर्विस नंबर बता रहे हैं।
जैसे ही ये दोनों वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, अफरातफरी मच गई। लोगों का खून उबाल मारने लगा। शाम तक पाकिस्तानी सेना ने अपने अपमानजनक वीडियो को कवर करने की कोशिश भी शुरू कर दी। इसके लिए उन्होंने एक और वीडियो जारी किया जिसमें विंग कमाडर अभिनंदन हाथ में चाय का कप लिए हुए हैं और पाकिस्तानी सेना के व्यवहार की तारीफ कर रहे हैं। एक कैदी के ऐसे वीडियो को प्रसारित करना जिनेवा कन्वेंशन के तहत निषिद्ध है, क्योंकि मिलिटरी लीगल एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इसका मकसद निश्चित रूप से अभिनंदन और भारतीय अधिकारियों को अपमानित करना था।
भारत ने पहले ही पाकिस्तान को एक डेमार्श जारी किया जिसके जरिए अभिनंदन की जल्द और सुरक्षित वापसी की मांग की गई। आइए, हम सभी भारतवासी इस बहादुर पायलट को सलाम करें और उनकी सुरक्षित वापसी के लिए दुआ करें।
इसे देखते हुए मैं अपने सभी साथी देशवासियों से अपील करूंगा कि वे इस कठिन समय में सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी प्रॉपेगैंडा का शिकार न हों। मैं यह स्पष्ट कर दूं कि पाकिस्तान नियंत्रण रेखा के पार सैन्य आक्रामकता के कृत्यों को अंजाम देते हुए शांति की बात दुनिया को भटकाने और गुमराह करने के लिए कर रहा है। उसकी वायुसेना के जेट विमानों ने बुधवार को कश्मीर में हमारे सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया था जिसपर हमारी बहादुर वायुसेना और सेना ने उन्हें करारा जवाब दिया था और उनके प्रयास को विफल कर दिया था।
पाकिस्तान का मुख्य उद्देश्य कश्मीर के अंदर आतंकवाद का साथ देना और भारत पर चोरी-छिपे पीछे से हमला करना है। इस तरह के किसी भी संघर्ष में, सोशल मीडिया के माध्यम से गलत और भ्रामक प्रचार दुश्मन के लिए एक प्रभावी उपकरण बन जाता है। चाहे वह पाकिस्तानी प्रधानमंत्री हों या शांति की बात करते पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता हों, या चाहे वह किसी कैदी का ‘पाकिस्तान की तारीफ’ करने का वीडियो हो, ये सभी युद्ध प्रचार के साधन हैं जो दूसरे पक्ष को बेवकूफ बनाने के लिए होते हैं।
हमारे मीडिया को इस तरह के वॉर प्रॉपेगैंडा के खिलाफ सचेत रहना चाहिए, और सड़क पर आम आदमी को यह समझना चाहिए कि सोशल मीडिया पर प्रसारित सारे वीडियो सच नहीं हैं। वे दुश्मन की रणनीति का हिस्सा हैं। मैं एक बार फिर आप सभी से अपील करूंगा कि इस तरह के वीडियो को अकाट्य सत्य के रूप में स्वीकार न करें, और अपने दोस्तों और ग्रुप्स के बीच प्रसारित करने से बचें। (रजत शर्मा)
देखें, आज की बात रजत शर्मा के साथ, 27 फरवरी 2019 का पूरा एपिसोड
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