राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पाकिस्तानी आतंकी हाफिज सईद के संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के मध्य पूर्व (मिडिल ईस्ट) स्थित दफ्तर में कार्यरत एक शख्स से हवाला के पैसे लाने के आरोप में तीन लोगों को पुरानी दिल्ली और निजामुद्दीन से गिरफ्तार किया है।
इस छापे को लेकर सबसे ज्यादा चिंता की बात ये है कि हवाला के जरिये हाफिज सईद के संगठन के पैसे का उपयोग हरियाणा के पलवल में मस्जिद बनाने के लिए किया जा रहा था।
मस्जिद इबादत के लिए बनाई जाती है और कोई भी मजहब इसकी इजाजत नहीं देता कि इबादतगाह दहशतगर्दी के पैसे से बने। इन दहशतगर्दों का न तो इस्लाम से कोई लेना-देना है और न मस्जिद से और न ही इंसानियत से कोई मतलब है। इनके लिए तो मस्जिद भी दहशतगर्दी का एक जरिया है।
पलवल में रहनेवाले मुसलमानों को मस्जिद बनाने के लिए दिए जा रहे पैसों के स्रोत के बारे में तनिक भी जानकारी नहीं थी। यहां सवाल ये है कि एनआईए ने क्यों इसी मस्जिद को लेकर ऊंगली उठाई, जबकि भारत में हजारों मस्जिदें हैं?
दरअसल एनआईए इस टेरर फंडिग के केस पर पिछले कई महीनों से काम कर रही थी। जो लोग गिरफ्तार किए गए उनसे 1.5 करोड़ नगद बरामद किए गए और पकड़े गए एक शख्स ने कबूल किया कि उसने पलवल में मस्जिद के निर्माण के लिए सत्तर लाख रुपये दिए। नागरिकों को अपने पूजा स्थलों के निर्माण के लिए मिलनेवाले धन के स्रोत को लेकर सतर्क रहना चाहिए। (रजत शर्मा)
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