Rajat Sharma's Blog: सिर्फ एक महीने की लापरवाही से कैसे बड़े स्तर पर फैली COVID महामारी
पीएम मोदी ने कहा, मास्क के इस्तेमाल और सोशल डिस्टैंसिंग के नियम सभी के ऊपर समान रूप से लागू होने चाहिए फिर चाहे वह गांव का प्रधान हो या देश का प्रधानमंत्री। उन्होंने आगाह किया कि मॉनसून के समय में सामान्य सर्दी, खांसी और फ्लू के मामले बढ़ जाते हैं और इससे COVID मामलों की संख्या में और बढ़ोतरी हो सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि जिस दिन से अनलॉक-1 शुरू हुआ तभी से वह लोगों की बढ़ती लापरवाही को लेकर चिंतित हैं। आंकड़े उनकी इस चिंता की गवाही देते हैं। केवल एक महीने (जून) में, भारत में COVID-19 के लगभग 4 लाख नए मामले सामने आए, और लगभग 12 हजार लोगों की मौत हुई, जबकि मई में नए मामलों की संख्या 1.5 लाख से थोड़ी ही ज्यादा थी और 4,267 लोगों की जान गई थी।
महामारी ने हमारे महानगरों और बड़े राज्यों पर एक मजबूत पकड़ बना ली है और इसके खत्म होने के कोई संकेत दिख नहीं रहे हैं। नए मामलों की औसत संख्या ने रोजाना 18,000 के आंकड़े को भी पार कर लिया है और भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या, जो इस समय 5.67 लाख है, अगले कुछ दिनों में निश्चित ही 6 लाख के आंकड़े को पार कर जाएगी। यह वाकई में एक बेहद ही निराशाजनक तस्वीर है। हालांकि, आंकड़े यह भी बताते हैं कि 3.35 लाख लोग अब तक इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं जबकि जान गंवाने वालों की संख्या 16,893 है।
आंकड़ों की बात यहां इसलिए हो रही है क्योंकि प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत से लोग COVID-19 से बचने के लिए बरती जाने वाली सावधानियों के प्रति लापरवाह होने लगे हैं। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि लापरवाही न बरतें, ‘दो गज की दूरी’ के मंत्र का पालन करें, हमेशा मास्क या गमछा पहनें, अपने चेहरे को ढंककर रखें और कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोएं।
मोदी ने कहा, मास्क के इस्तेमाल और सोशल डिस्टैंसिंग के नियम सभी के ऊपर समान रूप से लागू होने चाहिए फिर चाहे वह गांव का प्रधान हो या देश का प्रधानमंत्री। उन्होंने आगाह किया कि मॉनसून के समय में सामान्य सर्दी, खांसी और फ्लू के मामले बढ़ जाते हैं और इससे COVID मामलों की संख्या में और बढ़ोतरी हो सकती है।
पीएम मोदी ने इस साल नवंबर तक 80 करोड़ गरीब लोगों को मुफ्त राशन देने की भी घोषणा की। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत, लाभार्थियों को अगले 5 महीनों के लिए 5 किलो अनाज और एक किलो दाल हर महीने मुफ्त में दिया जाएगा। इस पर लगभग 90,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिससे कुल लागत 1.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी।
मोदी ने कहा, ‘आज यदि सरकार गरीब और ज़रूरतमंद लोगों को मुफ्त अनाज दे पा रही है तो इसका श्रेय दो वर्गों को जाता है। पहला- हमारे देश के मेहनती किसान, हमारे अन्नदाता। और दूसरा- हमारे देश के ईमानदार टैक्सपेयर।’ इस बात में कोई शक नहीं है कि मोदी की घोषणा लाखों गरीब भारतीयों के लिए एक स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ की शुरुआत का भी वादा किया है जिससे लाखों प्रवासी मजदूरों को फायदा होगा।
8 महीने तक 80 करोड़ गरीब भारतीयों को मुफ्त खाना खिलाना कोई आसान काम नहीं है। अमेरिका जैसे 3 देशों की आबादी को जोड़ दें तब जाकर आप 80 करोड़ के आंकड़े तक पहुंच पाते हैं। मोदी सरकार इन 80 करोड़ लोगों को 8 महीने तक खाना खिलाती रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निश्चित रूप से इसके लिए प्रशंसा के पात्र हैं। वह नौकरी की तलाश में दूसरे राज्यों को जाने वाले गरीब लोगों और प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं को समझते हैं। अधिकांश राजनीतिक दलों ने मोदी की घोषणा का स्वागत किया है, लेकिन यह समय आम नागरिकों के सावधान रहने का भी है, ताकि महामारी पर काबू पाया जा सके।
अनलॉक के समय में कोरोना वायरस से संक्रमण के नए मामलों में भारी बढ़ोत्तरी हुई है, इसलिए लापरवाही बरतने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया जाना चाहिए। यदि लोग सावधानी नहीं बरतेंगे तो महामारी तेजी से फैलेगी और पूरे देश को बुरी तरह अपनी चपेट में ले लेगी। इसलिए मेरी सभी से अपील है कि महामारी से डरिए मत, लेकिन खतरा अभी भी कम नहीं हुआ है। घर से बाहर तभी निकलें जब बहुत ज्यादा जरूरी हो। पूरी सावधानी बरतें, जैसे कि मास्क पहनना, सोशल डिस्टैंसिंग, संभव हो तो दस्ताने पहनना, और बाहर से लौटने पर दिन में कई बार अपने हाथ साबुन से धोना। हमेशा बेहद सावधान रहें, क्योंकि चीनी वायरस हर जगह छिपा हुआ है। (रजत शर्मा )
देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 30 जून 2020 का पूरा एपिसोड