जब से बीजेपी के सीनियर नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने एक लेख के जरिए मोदी सरकार के अर्थव्यवस्था प्रबंधन पर सीधा हमला बोला है तब से राजनीतिक हलचल बढ़ गई। यशवंत सिन्हा ने सरकार की आर्थिक नीतियों पर हमला करने के साथ ही प्राइम मिनिस्टर और फाइनेंस मिनिस्टर पर इल्जाम लगाए। इस बात की चर्चा काफी बढ़ गई थी कि नरेन्द्र मोदी और अरूण जेटली अर्थव्यवस्था को संभाल नहीं पा रहे। GDP गिरी है और छोटे बिजनेसमैन परेशान हैं। उनका बिजनेस ठप हो गया है। लोगों को नौकरियों से निकाला जा रहा है। GST ने व्यापारियों का जीना मुश्किल कर दिया है। नोटबंदी का कोई फायदा नहीं हुआ। ये बातें यशवन्त सिन्हा के आर्टिकिल के बाद पी चिंदबरम, कपिल सिब्बल, मनमोहन सिंह ने बड़े जोर-शोर से कहीं। कई अखबारों में एक्सपर्ट्स के लेख छपे।
बुधवार को पीएम नरेन्द्र मोदी ने कंपनी सेक्रेट्रीज को संबोधित करते हुए इन सारी आलोचनाओं का जवाब दिया। पीएम मोदी पूरी तैयारी करके आए थे। उनके पास फैक्ट्स और फिगर्स थे। ऐसे तर्क थे जो जनता को समझ में आए। पीएम मोदी ने साफ कर दिया कि अर्थव्यवस्था पर उनकी पूरी पकड़ है और जहां कमी है उसपर उनकी नज़र है। अच्छी बात है कि उन्होंने माना कि कुछ कमियां हैं। कुछ लोगों की आलोचना सही है और सरकार सुधार के लिए तैयार भी है। मुझे लगता है कि लोगों को मोदी की बात पर भरोसा करना चाहिए और बिना घबराए चार-छह महीने इंतजार करके देखना चाहिए कि अर्थव्यवस्था किस दिशा में जाती है और कितना सुधार होता है। (रजत शर्मा)
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