Rajat Sharma's Blog: मुसलमानों में किस तरह नफरत के बीज बोने की कोशिश कर रहा है PFI
उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने 3 दिन पहले कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 2 ‘कमांडर्स’ को गिरफ्तार किया था।
उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने 3 दिन पहले कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 2 ‘कमांडर्स’ को गिरफ्तार किया था। उनके पास बड़ी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ था। दोनों ट्रेन से आए थे और मंगलवार को कुकरैल में एक पर्यटक स्थल से पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया था। पुलिस ने इनके पास से उच्च गुणवत्ता के विस्फोटक पदार्थ, बैटरी, डेटोनेटर, तार, एक पिस्टल और 7 कारतूस बरामद किया था। इनके पास से पुलिस को 12 रेलवे टिकट भी मिले थे। पुलिस को शक है कि बसंत पंचमी के मौके पर सीरियल ब्लास्ट करने की योजना के तहत वे प्रदेश के कई इलाकों में गए थे।
यूपी पुलिस ने जब दावा किया कि PFI अब यूपी को अपना ट्रेनिंग ग्राऊंड बनाना चाहता है तो लोगों ने कई सवाल उठाए थे। शुरुआत में मुझे भी हैरानी तो हुई लेकिन जब मैंने पीएफआई के महासचिव अनीस अहमद का एक वीडियो देखा, जिसे गुरुवार की रात मेरे शो 'आज की बात' में प्रसारित किया गया था, तब लगा कि वीडियो यह साबित करने के लिए काफी है कि यूपी पुलिस ने जो दावे किए उनमें दम तो है।
दरअसल कुछ ताकतें देश में नफरत फैलाना चाहती हैं, आग लगाने वाले ऐसे भाषणों से ये ताकतें हिंदुओं और मुसलमानों को आपस में लड़ाना चाहती हैं। ये वो ताकतें हैं जो इस कोशिश में लगी हैं कि भारत की तरक्की को रोका जाए, माहौल को खराब किया जाए। इन ताकतों की कोशिश है कि दंगे कराएं जाएं और नरेन्द्र मोदी को बदनाम किया जाए।
कर्नाटक में मंगलुरु के पास उल्लाल में 'यूनिटी मार्च फॉर द नेशन' रैली में अपने भाषण के वीडियो में अनीस अहमद ने कहा, 'जब सीएए प्रोटेस्ट हुआ तो हम देखते हैं कि दिल्ली दंगे को लेकर पूरे के पूरे सीएए एक्टिविस्ट को टार्गेट किया। ये बताने कि आपको मेरे सामने नहीं आना है, आज जब फार्मर्स प्रोटेस्ट कर रहे हैं तो 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली जैसा ड्रामा करके फार्मर्स को भी टार्गेट किया जा रहा है, लीडर्स को अरेस्ट किया जा रहा है। मैसेज एकदम क्लियर है। अगर इंडिया में जीना है तो इस गवर्मेंट का गुलाम बनकर रहना होगा। सबका साथ सबका विकास सब चला गया है। सिंगल एजेंडा गवर्मेंट दे रही है। वो है क्या आप आरएसएस से डरते हो या नहीं? अगर आप आरएसएस की चापलूसी करोगे तो आपको गवर्नर का सीट मिलेगा। आपको रंजन गोगोई (भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, जिन्होंने अयोध्या का फैसला सुनाया) जैसा पार्लियामेंट में सीट मिलेगा। कांग्रेस के नेता जो मुसलमानों का वोट लेकर बीजेपी में जा रहे हैं उन्हें मिनिस्टर का सीट मिलेगा। लेकिन अगर आप बीजेपी के खिलाफ बात करोगे तो आपको यूएपीए मिलेगा। आपको ईडी मिलेगा। आपको एनआईए मिलेगा। मैं आपसे पूछता हूं कि जब ये आरएसएस के लोग आपको वॉर्निंग दे रहे हैं, बीजेपी के लोग आपको वॉर्निंग दे रहे हैं कि क्या आप सरेंडर करेंगे? तो आपका जवाब क्या है? सरेंडर करेंगे?' (भीड़ का जवाब- नहीं)।
इस वीडियो में पीएफआई नेता ने अपने भाषण में मुसलमानों को भड़काने की कोशिश की। उन्होंने कहा, 'एक बात वो भूल चुकी है, इंडिया में आज भी मुस्लिम कम्युनिटी ज़िंदा है। ये मुस्लिम कम्युनिटी के बारे में बहुत सारी निगेटिव न्यूज़ भी आती है। बैकवर्ड है, सच्चर कमेटी में ऐसा लिखा है, एजुकेशन नहीं है, सब है, लेकिन ये मुस्लिम कम्युनिटी की एक कैपसिटी भी है, याद रखिएगा। अल्लामा इकबाल ने कहा है, 'तौहीद की अमानत सीनों में है हमारे, आसां नहीं मिटाना नामोनिशां हमारा।' ये इंडिया की मुस्लिम कम्युनिटी को आज लीड लेना होगा। ये आरएसएस को जवाब देने के लिए, जब ये आरएसएस इंडियन फैब्रिक को तबाह करने की कोशिश कर रहा है, इंडियन मुस्लिम को लीड लेना पड़ेगा और आज पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया वो लीड ले रहा है। इसीलिए हम लोग देख रहे हैं, हर दिन पॉपुलर फ्रंट को टारगेट किया जा रहा है। दिल्ली के अंदर सीएए प्रोटेस्ट हुए, टारगेट पॉपुलर फ्रंट को बनाया गया। दिल्ली में दंगे करके मुसलमानों की जान ली गई केस पॉपुलर फ्रंट पर डाला गया, ईडी पॉपुलर फ्रंट के पीछे आई।'
अनीस अहमद ने इसके बाद यूपी पुलिस के खिलाफ जहर उगलना शुरू किया। उन्होंने कहा, ‘ यूपी में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के 2 मेंबर्स को अरेस्ट किया, 11 तारीख को अरेस्ट किया, 16 तारीख तक मीडिया के सामने पेश नहीं किया। जब हमने केरल में पुलिस कम्प्लेंट फाइल की तब शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं, प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया जाता है कि ये लोग ब्लास्ट करने आए थे, टेररिस्ट अटैक करने आए थे,एक्सप्लोसिव लेकर घूम रहे थे। यानी 11 तारीख को अरेस्ट करने के बाद 16 को पता चला कि ये लोग टेरर अटैक करने आए थे। इसका मतलब क्या है?’
‘याद रखिए, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को हर दिन टारगेट किया जाएगा। मैं यहां बैठे हर आदमी से कहना चाहता हूं, अगर कोई सोच रहा है कि पॉपुलर फ्रंट को टारगेट करना बंद हो जाएगा, गलतफहमी है। हर दिन पॉपुलर फ्रंट पर एक नया इल्ज़ाम लगाया जाएगा, पॉपुलर फ्रंट को टारगेट किया जाएगा। पॉपुलर फ्रंट के मेंबर्स से भी मैं कहना चाहता हूं, रेडी हो जाओ, यूएपीए आने वाला है। ईडी केस आप पर पड़ने वाले हैं, एनआईए आपके पीछे आने वाला है। नेशनल सिक्योरिटी एक्ट आप पर लगाने वाले हैं, देशद्रोह का केस आप पर लगाने वाले हैं। उम्मीद मत कीजिए कि ये जो दिल्ली के अंदर बैठे जो आरएसएस को दो प्रचारक हैं, ये कुछ रहम दिखाएंगे। यहां पर मुस्लिम उनके दुश्मन हैं, क्रिश्चियन उनके दुश्मन हैं, कम्युनिस्ट उनके दुश्मन हैं। एक आइडियोलॉजी में ट्रेंड हुए दो लोग आज इंडिया को चला रहे हैं, इनसे कोई भी उम्मीद मत रखिए। सिर्फ एक ही उम्मीद रखिए, वो उम्मीद ये है कि हर दिन आपको टारगेट किया जाएगा। आज इंडिया में जब पूरी एक सोसाइटी और खास तौर पर मुस्लिम कम्युनिटी को गुलाम बनाने की कोशिश की जा रही है, ऐसे वक्त में इस कम्युनिटी को आशा देने वाली तंजीम पॉपुलर फ्रंट है।’
मैं जानता हूं कि देश के लोग ऐसे ज़हरीले भाषणों में कही गई बातों पर यकीन नहीं करते, न ऐसी बातों से भड़कते हैं, न उकसावे में आते हैं। लेकिन इन लोगों की बात सुनना इसलिए जरूरी है ताकि आप सवाधान रहें, क्योंकि इन लोगों का मकसद न मुसलमानों का भलाई करना है, न उन्हें मुल्क की फिक्र है, इनका मकसद सिर्फ दुकान चलाना है। ये नफरत के कारोबारी हैं और इनसे बचने की जरूरत है। ये लोग प्यार-मोहब्बत की बात नहीं करते, एक दूसरे से गले मिलने की बात नहीं करते हैं। हिंदू-मुसलमान मिलकर रहें ऐसी बात नहीं करते, ये एक दूसरे का गला काटने की बात करते हैं। किसी को आरएसएस के नाम पर, किसी को मोदी के नाम पर भड़काने की कोशिश करते हैं।
अनीस अहमद ने अपने भाषण में आरएसएस को लेकर भी काफी कुछ कहा। अनीस ने कहा, ‘इंडिया का असल दुश्मन बिना किसी संदेह के आरएसएस है। इंडिया में अगर कोई कैंसर है तो आरएसएस है, कोविड आया चला गया, पोलियो आया चला गया। इसके लिए वैक्सीन भी आ जाती है लेकिन आरएसएस ऐसा एक वायरस है जिसके लिए अभी कोई वैक्सीन नहीं आई है। इंशा अल्लाह, वो वैक्सीन पॉपुलर फ्रंट लेकर आएगा। वो वैक्सीन हम लोग लेकर आएंगे। हम हर जगह आरएसएस को वैक्सीन देंगे क्योंकि हमें पता है कि आरएसएस कौन है। ... इसीलिए आज मैं स्टेज से आवाम से कहता हूं। आरएसएस को पहचानिए। जानिए, आपके जिले का आरएसएस लीडर कौन है। आपके डिस्ट्रिक्ट का आरएसएस का बौद्धिक प्रमुख कौन है, शारीरिक प्रमुख कौन है। जानिए उनको, पहचानिए उनको कौन है, क्योंकि ये लोग आपके असल दुश्मन हैं। हमारी आंखों के सामने जुल्म होता है, हमारे आंखों के सामने जब अन्याय होता है। कॉम्प्रोमाइज़ करना पॉपुलर फ्रंट के डीएनए में नहीं है, जो आदमी वो ज़ुल्म कर रहा है उसके हाथ को पकड़ना और फेंकना, ये पॉपुलर फ्रंट के डीएनए के अंदर है।’
अनीस अहमद की बात को हर देशभक्त भारतीय को सुनने और समझने की जरूरत है। उसकी मंशा पर, उसके इरादों पर सवाल उठाने की जरूरत है। क्योंकि इस तरह के लोगों के जहरीले भाषण का पैटर्न एक जैसा होता है। जिस मुद्दे पर भावनाओं को थोड़ी भी भड़काने की गुंजाइश होती है उसका ये लोग इस्तेमाल करते हैं। आज जब अयोध्या में राम मंदिर को लेकर चंदा इकट्ठा किया जा रहा है। बड़ी संख्या में मुसलमान भाई बहन भी मंदिर निर्माण के लिए दिल खोलकर चंदा दे रहे हैं। लेकिन अनीस अहमद ने कहा कि राम मंदिर के लिए लोग चंदा मांगने आएं तो एक फूटी कौड़ी भी मत देना।
अनीस ने कहा, 'अगर ये लोग आपके घर में और दुकान में राम मंदिर के लिए पैसे मांगने के लिए आएं तो एक पैसा भी मत दीजिएगा। मैं सारे मुस्लिम बिज़नेसमैन से कहता हूं कि जब आरएसएस के लोग आपकी दुकानों में आते हैं, पैसा पूछने के लिए, एक रुपया भी मत दीजिए इन्हें। एक पैसा भी मत दीजिए, क्योंकि ये राम का मंदिर नहीं है। ये आरएसएस का मंदिर है और मुसलमानों के पैसे से आरएसएस के मंदिर में एक ईंट भी नहीं जाएगी।
अब इस ज़हरीले भाषण की व्याख्या करने की ज़रूरत नहीं है। सोशल मीडिया पर जब ये कहा जाता है कि भारत में मुसलमानों पर जुल्म हो रहा है, बीजेपी का साथ ना देने वालों पर केस बनाए जाते हैं। ऐसे में अनीस अहमद की बातें सुनकर ये बताने और समझाने की जरूरत नहीं है कि आग लगाने का काम कौन कर रहा है। पीएफआई अब तक ये काम पर्दे के पीछे से कर रही थी, अब खुलेआम सामने आ गई हैं। इतना ज़रूर है कि पीएफआई का खतरा और इसका खेल कोई नया नहीं है। तीन दिन पहले ही पीएफआई के लोग विस्फोटकों के साथ पकड़े गए थे। वे यूपी में दंगा भड़काने, हिंदू संगठनों के नेताओं को मौत के घाट उतारने का प्लान बना रहे रहे थे। दिल्ली में जब पिछले साल फरवरी में दंगे हुए थे तो उन्हें भड़काने में पीएफआई के भी शामिल होने की रिपोर्ट आई थी। उससे पहले दिसंबर 2019 में शाहीन बाग में धरने को फाइनेंस करने वालों में भी पीएफआई का नाम आया था। पीएफआई ने कभी इन बातों का संतोषजनक जवाब नहीं दिया।
पीएफआई के इरादे कितने खतरनाक हैं ये वीडियो से साफ हो गया है। लेकिन मैं जानता हूं कि हिन्दुस्तान के मुसलमान बहुत समझदार हैं और वो इस तरह के लोगों के चक्कर में आमतौर पर फंसते नहीं हैं। मुझे कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की बार-बार याद आ रही है। राज्यसभा में अपने विदाई भाषण में गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि उन्हें इस बात का गुरूर है, फक्र है कि वे हिन्दुस्तानी मुसलमान हैं। उन्होंने कहा था कि दुनिया में मुसलमानों के लिए हिन्दुस्तान से ज्यादा महफूज और बेहतर कोई जगह नहीं है। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 18 फरवरी, 2021 का पूरा एपिसोड