Rajat Sharma’s Blog: भगवान के लिए कृपया लॉकडाउन की अवहेलना न करें
कोई लोगों को कैसे समझाए कि कोरोना वायरस के लिए कोई प्रामाणिक इलाज उपलब्ध नहीं है? केवल सोशल डिस्टैंसिंग और लॉकडाउन ही इस घातक बीमारी के प्रसार को रोक सकते हैं।
यह बात मैं गुस्से और दुख के साथ लिख रहा हूं। गुस्से में इसलिए क्योंकि कारों में बैठे पढ़े-लिखे लोगों ने सोमवार की सुबह दिल्ली-नोएडा फ्लाईवे पर यह जानने के बावजूद जाम लगा दिया कि दिल्ली और नोएडा प्रशासन ने पूरे एनसीआर में लॉकडाउन घोषित किया हुआ है। दुख में इसलिए क्योंकि इंडिया टीवी ने दिखाया है कि कैसे पटना बस जंक्शन पर बसों के अंदर लोग ठुंसे पड़े थे और तमाम यात्री तो छतों पर बैठे थे। इनमें से अधिकांश लोग अपने परिवार के सदस्यों के साथ थे। ये सभी बिहार में लॉकडाउन के बाद अपने गांवों के लिए निकलने की जल्दी में थे।
यह वास्तव में हैरान करने वाली बात है कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों की अपील के बावजूद और प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से जारी की गई निरंतर चेतावनियों के बावजूद कुछ लोगों ने सोमवार को खुलकर लॉकडाउन की अवहेलना की। कार में सवार लोगों ने न केवल डीएनडी फ्लाईवे को जाम कर दिया, बल्कि चेकपोस्टों पर मौजूद उन पुलिसकर्मियों से भी बहस की, जो उन्हें बता रहे थे कि केवल आवश्यक सेवाओं के लिए काम करने वालों को सड़कों पर आने-जाने की इजाजत है।
कोई लोगों को कैसे समझाए कि कोरोना वायरस के लिए कोई प्रामाणिक इलाज उपलब्ध नहीं है? केवल सोशल डिस्टैंसिंग और लॉकडाउन ही इस घातक बीमारी के प्रसार को रोक सकते हैं। दुनिया भर में इस बीमारी के चलते मरने वालों की संख्या मंगलवार सुबह तक 16,000 के आंकड़े को पार कर चुकी थी। इंडिया टीवी ने सोमवार को बसों और फ्लाईवे पर भीड़भाड़ के दृश्य इसलिए दिखाए, क्योंकि हम लोगों को सावधान करना चाहते थे। अपनी पत्नी, बच्चों और परिवार के सदस्यों के बारे में सोचें, जिन्हें आप घर पर छोड़कर लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाने के लिए बाहर निकलते हैं।
लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाने वाले लोगों के चलते ही दिल्ली और अन्य राज्यों में अधिकारियों ने अब सख्त रुख अपना लिया है। कई जगहों पर कर्फ्यू घोषित कर दिया गया है और सिर्फ उन्हीं लोगों को सड़कों पर आने की इजाजत होगी जो पास लेकर चलेंगे। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने पुलिस को वैध पास के बिना सड़कों पर निकलने वाले वाहनों का चालान करने का आदेश दिया है।
एक पल के लिए सोचें: यदि संसद, सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, लोअर कोर्ट, हवाई उड़ानें, बसें और ट्रेन सेवाएं लोगों के हित में बंद हो सकती हैं, तो लॉकडाउन को यूं धता बताने को मजाक के रूप में नहीं लिया जा सकता। मेरी सभी से अपील है कि घर पर रहें, सुरक्षित रहें, इससे आप और आपका परिवार सुरक्षित रहेगा। हमें वही गलतियां नहीं करनी चाहिए जो इटली, फ्रांस और स्पेन जैसे देशों ने लॉकडाउन में देरी करके की हैं। उन देशों में मरने वाले लोगों के आंकड़े देखें।
भारत स्टेज 3 (कम्युनिटी स्टेज) की कगार पर खड़ा है। भगवान न करे, अगर भारत स्टेज 3 में प्रवेश कर गया तो शहरों, गांवों और कस्बों में बड़ी आबादी इस घातक बीमारी की चपेट में आ जाएगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने समय पर सोशल डिस्टैंसिंग की रणनीति को अपनाने के लिए हमारे प्रधानमंत्री की प्रशंसा की है, क्योंकि हमारे हेल्थ सिस्टम के पास सीमित संसाधन हैं और यदि हजारों लोग पॉजिटिव पाए गए तो सभी मामलों को संभालना मुश्किल हो जाएगा।
प्रधानमंत्री ने सोमवार को ब्रॉडकास्ट से जुड़े लोगों से बात करते हुए एक महिला डॉक्टर के बारे में बात की, जिन्होंने एम्स के निदेशक से कहा था, ‘मैं कोरोना वायरस के रोगियों का इलाज बेखौफ होकर कर रही हूं, लेकिन मेरे घर पर बूढ़े माता-पिता हैं, अगर मेरे साथ कुछ होता है तो कृपया उनका ध्यान रखिएगा।’ यह बात बताते हुए प्रधानमंत्री की आंखों में आंसू आ गए थे।
हमें अपने डॉक्टरों, नर्सों और हेल्थ केयर से जुड़े कर्मचारियों के बारे में सोचना चाहिए। वे लोगों की जान बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। हमें उनके बारे में सोचना चाहिए। प्रधानमंत्री चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। उसकी बातें सुनना हमारा फर्ज है। वह आपसे ज्यादा कुछ नहीं मांग रहा है। कम से कम एक या दो सप्ताह के लिए अपने घरों में रहें, ताकि वायरस के प्रसार को रोका जा सके।
कम से कम खुद के लिए, अपने परिवार के लिए, अपने समुदाय के लिए और अपने देश के लिए ऐसा करें। इस देश ने आपको बहुत कुछ दिया है और आपसे उम्मीद की जाती है कि आप भी बदले में थोड़ा सहयोग करेंगे। यदि आप नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो भगवान न करे, सरकार को चीन का तरीका अपनाना होगा, जिसने वुहान और अन्य शहरों में लाखों लोगों को बंद करने के लिए बेहद सख्ती से काम लिया। इसलिए कृपया घर पर रहें, सुरक्षित रहें। आइए, घरों में बैठकर अपने इस देश को बचाया जाए। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 23 मार्च, 2020 का पूरा एपिसोड