चुनाव के दौरान चंदा लेने की इच्छा रखनेवाले राजनीतिक दलों के लिए केंद्र सरकार ने ब्याज मुक्त इलेक्ट्रोरल बॉन्ड्स का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। राजनीतिक दलों के चंदे में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह स्वागतयोग्य कदम उठाया है। सभी राजनीतिक दलों को इसका स्वागत करना चाहिए। क्योंकि जनता में यह आम धारणा बन चुकी है कि अधिकांश राजनीतिक दल चुनाव के दौरान अपने निहित स्वार्थों के लिए बड़े पैमाने पर ब्लैकमनी लेते हैं। आजादी के 70 साल में राजनीतिक दल औद्योगिक घरानों, बड़ी-बड़ी कंपनियों से पैसा लेते रहे हैं। इसमें बड़ी मात्रा में ब्लैकमनी होता है। इलेक्ट्रोरल बॉन्ड्स लॉन्च होने से अब KYC (know your customer) डिटेल्स चंदा देनेवालों को भरना होगा। चंदा देनेवाले चाहें तो गुमनाम रहकर भी दान कर सकते हैं। लोगों में यह धारणा है कि चुनाव जीतने के बाद राजनीतिक दल उन लोगों को फायदा पहुंचाती है जिन्होंने चुनाव के वक्त चंदा दिया हो। इसलिए राजनीतिक दलों की छवि को ठीक करने के लिए यह जरूरी है कि उन्हें मिलने वाला चंदा पूरी तरह पारदर्शी हो। यह कदम साफ और निष्पक्ष चुनाव को सुनिश्चित करने के लिए दूरगामी कदम साबित होगा। (रजत शर्मा)
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