सोमवार को जब चार लोकसभा क्षेत्र और नौ विधानसभा क्षेत्र के लाखों मतदाता उपचुनाव के दौरान वोट डालने गए तो उन्होंने पाया कि कई मतदान केंद्रों पर ईवीएम से जुड़े वीवीपैट खराब थे। चुनाव आयोग को खराब वीवीपैट को बदलने के लिए 1200 रिजर्व वीवीपैट का इस्तेमाल करना पड़ा। चुनाव पर्यवेक्षकों द्वारा रिपोर्ट भेजने के बाद चुनाव आयोग ने कैराना के 73 मतदान केंद्रों पर कल दोबारा मतदान कराने का आदेश दिया है।
चुनाव आयोग के मुताबिक कैराना में 20.8 फीसदी वीवीपैट ईकाइयां बदली गईं, भंडारा और गोंदिया में 19.2 फीसदी, पालघर में 13.2 फीसदी, महेशताला में 12.4 फीसदी और शाहकोट में 11 फीसदी वीवीपैट बदले गए। चुनाव आयोग ने इंजीनियरों से यह पता लगाने को कहा है कि कहीं ज्यादा गर्मी की वजह से सेंसर्स में खराबी आई या फिर वीवीपैट यूनिट के संचालन से पोलिंग ऑफिसर्स अपरिचित थे।
विपक्ष के कई नेताओं ने वीवीपैट में आई खराबी को साजिश बताया है लेकिन मेरा यह मानना है कि ये आरोप सही नहीं हैं। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने खराबी की शिकायत मिलने पर मशीनों को बदला। जितना जल्दी हो सका पोलिंग शुरू कराने की कोशिश की। इसलिए साजिश की बात करना ठीक नहीं है। बड़ी बात ये है कि उपचुनावों के दौरान इस तकनीकी गड़बड़ी का पता चल गया, क्योंकि अगले साल मई में लोकसभा के चुनाव होने हैं और उस समय गर्मी अपने चरम पर होगी।
अब चुनाव आयोग को चाहिए कि वह इन गड़बड़ियों को युद्धस्तर पर ठीक करे। इस काम को तेजी से निपटाना जरूरी है क्योंकि इस साल के अंत में तीन राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश, और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसलिए चुनाव आयोग को थोड़ी तेजी दिखानी होगी जिससे लोगों का भरोसा ईवीएम और वीवीपैट दोनों पर बना रहे। (रजत शर्मा)
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