Rajat Sharma's Blog: जाधव के लिए काउंसलर एक्सेस किसी दिखावे से कम नहीं था
पाकिस्तानी सेना द्वारा मार्च 2016 में गिरफ्तार किये जाने के बाद किसी भारतीय अधिकारी से जाधव की यह पहली मुलाकात थी।
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (अंतरराष्ट्रीय न्यायालय) में काफी जद्दोजहद और लंबी कानूनी लड़ाई के बाद पाकिस्तान को आदेश दिया गया था कि वह कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस (राजनयिक पहुंच) मुहैया कराए। भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी।
सोमवार को पाकिस्तानी अधिकारियों की मौजूदगी में इस्लामाबाद के पास स्थित एक 'उप-जेल' में भारतीय उप-उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया को जाधव से मिलने की इजाजत दी गई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'यह स्पष्ट था कि कुलभूषण जाधव पाकिस्तान के अपुष्ट दावों को बनाए रखने के लिए गलत बयानी करने के अत्यधिक दबाव में दिख रहे थे।’’
पाकिस्तानी सेना द्वारा मार्च 2016 में गिरफ्तार किये जाने के बाद किसी भारतीय अधिकारी से जाधव की यह पहली मुलाकात थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, जाधव स्पष्ट रूप से परेशान दिख रहे थे और उन्होंने वही बातें (स्वीकारोक्ति) दोहराई जो वे पहले ही कह चुके हैं। इस तरह की स्वीकारोक्ति के लिए स्पष्ट रूप से बहुत ज्यादा दबाव डाला गया था।
2017 में अपनी मां और पत्नी के साथ मुलाकात के दौरान भी जाधव ने वही बातें कही थी जो दबाव डालकर उन्हें रटाया गया था और जिससे पाकिस्तान के दावों को बल मिल सके कि वे भारतीय नौसेना के अधिकारी थे और उन्हें बलूचिस्तान में आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए भेजा गया था।
सोमवार को मिले काउंसलर एक्सेस के बाद भारत ने कहा है कि वह 'जाधव को जल्द से जल्द न्याय दिलाने और उनकी सुरक्षित भारत वापसी को लेकर प्रतिबद्ध है।'
एक सवाल के जवाब में कि भारत ने पूर्व की शर्तों के चलते पाकिस्तान के प्रस्ताव को पहले खारिज करने के बाद फिर क्यों स्वीकार कर लिया, प्रवक्ता ने कहा कि यह मीटिंग जाधव के स्वास्थ्य और उनके हित के लिए महत्वपूर्ण थी। ऐसी संभावना है कि भारत फिर से काउंसलर एक्सेस के लिए कह सकता है। इस बार, पाकिस्तान ने भारतीय राजनयिक को जाधव से अकेले में बात करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया और कहा कि जेल मैनुअल इसकी इजाजत नहीं देते।
जब तक जाधव भारतीय अधिकारियों से उन हालातों के बारे में निडरता से बात नहीं करते जिसमें उन्हें गिरफ्तार किया गया था और 'कबूलनामा' देने के लिए कथित रूप से प्रताड़ित किया गया था, ऐसा कोई भी काउंसलर एक्सेस किसी दिखावे से कम नहीं है। इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस को वियना कन्वेंशन के आलोक में इस पर ध्यान देना चाहिए। (रजत शर्मा)
देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 02 सितंबर 2019 का पूरा एपिसोड