Rajat Sharma’s Blog: शाहीन बाग पर BJP का आक्रामक प्रचार केजरीवाल के लिए महंगा साबित हो सकता है
केजरीवाल बीजेपी नेताओं के बयान से ज्यादा परेशान नहीं थे, लेकिन शाहीन बाग, शरजील इमाम और टुकड़े-टुकड़े गैंग को लेकर अमित शाह और योगी आदित्यनाथ का चौतरफा प्रचार उन्हें ज्यादा चिंतित कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को शाहीन बाग, सीलमपुर और जामिया मिलिया में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों पर जमकर बरसे और आरोप लगाया कि यह एक ‘संयोग’ नहीं बल्कि सांप्रदायिक सौहार्द को खत्म करने के लिए एक ‘प्रयोग’ है। भाजपा की एक विशाल चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारी अपने प्रदर्शन में राष्ट्रीय ध्वज और संविधान का इस्तेमाल धोखा देने के लिए कर रहे हैं और अपनी असली नीयत को छुपा रहे हैं।
नरेंद्र मोदी ने रैली में मतदाताओं से अपील की कि ‘अराजकता को फैलने से रोकने के लिए’ दिल्ली के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को वोट दें। मोदी ने मतदाताओं को याद दिलाई कि वे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही थे जिन्होंने आतंकवादियों के साथ बटला हाउस मुठभेड़ के दौरान बहादुर दिल्ली पुलिस अधिकारियों की मंशा पर सवाल उठाया था। मैंने केजरीवाल का वह वीडियो देखा सोमवार को देखा। मोदी सही हैं जब वे कह रहे हैं कि केजरीवाल ने उन दिनों 'टुकड़े-टुकड़े' गैंग का समर्थन किया था। मोदी तब भी सही हैं जब वे कहते हैं कि केजरीवाल ने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगे थे।
राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव के साथ, केजरीवाल ने अब बयान देने की अपनी शैली में भी बदलाव किया है। उन्होंने अपनी राजनीतिक जरूरत के अनुरूप ढलना शुरू कर दिया है। उन्होंने शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों का एक बार भी दौरा नहीं किया है। सोमवार को केजरीवाल ने एक कार्यक्रम में हनुमान चालीसा का पाठ भी किया।
प्रधानमंत्री मोदी के प्रति केजरीवाल के दृष्टिकोण में भी उल्लेखनीय बदलाव आया है। मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के पहले साढ़े चार साल तक, उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा उठाए गए हर कदम के लिए उनकी आलोचना करने का कोई भी मौका नहीं गंवाया। मुझे याद है कि एक बार उन्होंने कहा था कि मोदी की पाकिस्तान के नेताओं के साथ ‘सेटिंग’ है। पिछले छह महीनों में केजरीवाल ने अपने भाषण और ट्वीट्स में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ एक भी टिप्पणी नहीं की है। केजरीवाल की राजनीतिक शैली में बदलाव का यह साफ संकेत है। उन्होंने महसूस किया है कि अगर मोदी को चुनौती दी तो राजनीतिक रूप से उनकी पार्टी पर असर पड़ेगा।
और अब, दिल्ली में जब चुनाव प्रचार ने गति पकड़ी है तो केजरीवाल ने मुफ्त पानी, मुफ्त बिजली, महिलाओं के लिए मुफ्त डीटीसी बस यात्रा, मोहल्ला क्लीनिक, आधुनिक सरकारी स्कूल और मुफ्त चिकित्सा उपचार में अपनी उपलब्धियां गिनाना शुरू कर दीं। उन्होंने सोचा कि इससे भाजपा बचाव की मुद्रा में आ जाएगी। हालांकि, पिछले सात से दस दिनों में, भाजपा ने आम आदमी पार्टी पर दोहरा हमला किया है। अमित शाह और जेपी नड्डा जैसे सीनियर नेताओं ने वीडियोज के जरिए स्कूलों और हॉस्पिटल को लेकर केजरीवाल के दावों की पोल खोलने की कोशिश की।
केजरीवाल बीजेपी नेताओं के बयानों से ज्यादा परेशान नहीं थे, लेकिन शाहीन बाग, शरजील इमाम और टुकड़े-टुकड़े गैंग को लेकर अमित शाह और योगी आदित्यनाथ का चौतरफा प्रचार उन्हें ज्यादा चिंतित कर रहा है। इस हमले का जवाब देने से केजरीवाल जितना बचने की कोशिश कर रहे हैं, भाजपा का हमला उतना ही आक्रामक होता जा रहा है। अब चुनाव प्रचार के लिए बमुश्किल तीन दिन बचे हैं और आम आदमी पार्टी पर प्रधानमंत्री मोदी का हमला केजरीवाल के लिए महंगा साबित हो सकता है। (रजत शर्मा)
देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 03 फरवरी 2020 का पूरा एपिसोड