लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तानी आतंकवादी एजाज़ अहमद गोजरी ऊर्फ अबू उमैर ने एक वीडियो जारी कर अपनी जान बख्शने के लिए सेना को धन्यवाद दिया है। अबू उमैर और उसके दो सहयोगियों को कश्मीर के बारामूला से सुरक्षाबलों ने गिरफ्तार किया था। उसने कश्मीरी युवाओं से अपील की है कि वे हथियार छोड़ दें और मुख्यधारा में लौट आएं।
छाताबल में लश्कर के तीन आतंकवादियों को मुठभेड़ में मार गिराने के बाद बारामूला जिले से एजाज और दो अन्य आतंकवादियों को सेना ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार आतंकवादी को बुधवार को श्रीनगर में मीडिया के सामने पेश किया गया। एजाज ने एक वीडियो में यह कहा कि वह इसलिए जिंदा बच गया कि एनकाउंटर के दौरान सेना पर फायरिंग के बावजूद सेना की तरफ से काफी संयम बरता गया और गोलियां नहीं चलाई गईं।
आतंकवादियों को जिंदा पकड़ना सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी है। इन आतंकवादियों से सुरक्षाबलों को उनके ग्रुप की जानकारियों के साथ ही उनके हैंडलर्स की सोच के बारे में अहम संकेत प्राप्त होते हैं। चार दिन पहले बुरहान वानी ग्रुप के बचे हुए आतंकवादियों के साथ शामिल हुए कश्मीर विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में मार गिराया। आतंकवादियों के साथ असिस्टेंट प्रोफेसर एक घर में छिपा हुआ था। सुरक्षा बलों ने उससे सरेंडर करने की अपील की। उसके पिता और भाई को बुलाया जिन्होंने असिस्टेंट प्रोफेसर से सरेंडर करने की अपील की। लेकिन आतंकवादियों ने उसे धमकाया कि अगर वह सरेंडर करने के लिए बाहर निकलेगा तो वे उसे मार देंगे। आतंकवादियों ने उसे लड़ते हुए मरने की सलाह दी। असिस्टेंट प्रोफेसर ने आतंकवादियों के आगे घुटने टेक दिए और आखिरकार एनकाउंटर में मारा गया।
मुझे अभी भी उम्मीद है कि कश्मीर घाटी के युवक एजाज की अपील को सुनेंगे और हथियार छोड़कर अपने परिवार के बीच घर वापस लौटेंगे। (रजत शर्मा)
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