Rajat Sharma’s Blog: आम आदमी पार्टी यह नहीं कह सकती कि शाहीन बाग दिल्ली में बड़ा चुनावी मुद्दा नहीं है
दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल चाहते हैं कि दिल्ली के मतदाता पानी, बिजली, शिक्षा और अस्पताल के मुद्दों पर फैसला करें और सीएए और शाहीन बाग जैसे मुद्दों से बचें।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मतदाता 8 फरवरी को अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाले हैं। ऐसे में यह सवाल भी उठता है कि आखिर यहां के मौजूदा चुनावों के ज्वलंत मुद्दे क्या हैं। भारतीय जनता पार्टी ने गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में नागरिकता संशोधन अधिनियम के मुद्दे को उठाने के लिए दिग्गजों की पूरी फौज उतार दी है जिसमें मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ देखा जाए तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी के नेता सीएए और शाहीन बाग के मुद्दों पर कोई भी बयान देने से बचने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
इंडिया टीवी ने बुधवार को दिल्ली में दिन भर चलने वाले सम्मेलन ‘चुनाव मंच’ की मेजबानी की, जहां बीजेपी नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने शाहीन बाग में हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर खुलकर बात की। वहीं दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी के नेताओं, जिनमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह शामिल हैं, ने शाहीन बाग में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर इंडिया टीवी के कॉन्क्लेव में कोई टिप्पणी करने से परहेज किया। उन्होंने JNU के छात्र शरजील इमाम के AMU में दिए गए देश विरोधी भाषण के उस वीडियो पर भी बोलने से भी परहेज किया, जिसके लिए उसे बिहार में 3 दिन की खोजबीन के बाद गिरफ्तार किया गया था।
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दिल्ली में स्थित 2 केंद्रीय विश्वविद्यालयों, जामिया मिलिया इस्लामिया और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, में हुई हिंसा पर भी बोलने से परहेज किया। इसकी बजाय उनका पूरा ध्यान मुफ्त पानी, सस्ती बिजली, आधुनिक स्कूलों और अस्पतालों एवं मोहल्ला क्लीनिक जैसे मुद्दों पर था, जिनके बारे में AAP नेताओं का मानना है कि वे इनके ऊपर मजबूत पकड़ रखते हैं। इंडिया टीवी कॉन्क्लेव में शामिल होने वाले और पार्टी की कैंपेनिंग कर रहे सभी वरिष्ठ बीजेपी नेताओं ने शाहीन बाग, जेएनयू और शारजील इमाम के मुद्दों पर बातें की। उन्होंने दिल्ली के वोटर्स से साफ कहा: क्या आप 'टुकडे टुकडे' गिरोह का समर्थन करेंगे जो भारत को अलग करना चाहते हैं, या आप 'भारत माता की जय' के नारे के समर्थन में खड़े होंगे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चाहते हैं कि दिल्ली के मतदाता पानी, बिजली, शिक्षा और अस्पताल के मुद्दों पर फैसला करें और सीएए और शाहीन बाग जैसे मुद्दों से बचें। अमित शाह का जवाब है कि क्या शाहीन बाग दिल्ली में नहीं है? दिल्ली में हजारों लोगों को बंद सड़कों और दुकानों के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अमित शाह खुलेआम दिल्ली में मतदाताओं से कह रहे हैं कि बीजेपी के लिए ईवीएम बटन को इतना जोर से दबाओ कि उसकी गूंज शाहीन बाग तक सुनाई दे।मैं केजरीवाल की दुविधा समझ रहा हूं। वह चाहते हैं कि दिल्ली में मुसलमान AAP को वोट दें, लेकिन इस चक्कर में वह CAA जैसे पेचीदा मुद्दे पर हिंदुओं को अपने से नाराज नहीं करना चाहते।
जाहिर है, AAP नेता इन मुद्दों पर बहुत ही संभलकर आगे बढ़ रहे हैं। वे सभी मंचों से कहते हैं कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को उनका समर्थन है, लेकिन पिछले 47 दिनों से धरनारत मुस्लिम महिलाओं और बच्चों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए AAP का कोई भी नेता शाहीन बात नहीं गया है। बीजेपी का लॉजिक सिंपल है, यदि AAP नेता मुस्लिम अपीजमेंट की सियासत करें तो वे हिंदू वोटरों की बात करने से परहेज क्यों करें। इसलिए दिल्ली चुनावों में जानबूझकर या अनजाने में शाहीन बाग और शरजील इमाम बड़े मुद्दे बन गए हैं। अब फैसला मतदाताओं को करना है। (रजत शर्मा)
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