Rajat Sharma's Blog: चीन में फंसे पाकिस्तानी मेडिकल छात्रों ने मोदी की तारीफ क्यों की ?
प्राकृतिक आपदा, युद्ध या महामारी जैसी मुसीबतों में लोगों को कैसे बचाना है और किस तरह जल्दी से जल्दी उन तक मदद पहुंचानी है, इस तरह के मामलों में नरेन्द्र मोदी एक्सपर्ट हैं।
इंडिया टीवी ने अपने प्राइम टाइम शो 'आज की बात' में मंगलवार को दिखाया कि कोरोना वायरस से त्रस्त चीन के वुहान में फंसे पाकिस्तानी छात्र अपनी सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। ऐसा तब हुआ जब भारत सरकार ने वुहान में फंसे सभी भारतीयों को वापस लाने के लिए एयर इंडिया के दो स्पेशल विमान भेजे। अब तक चीन से 647 भारतीयों और सात मलादीव के नागरिकों को वापस लाया जा चुका है। इन लोगों में से अधिकांश को मानेसर में बने विशेष अस्पताल में जांच और निगरानी के लिए रखा गया है, ताकि घातक कोरोना वायरस के प्रसार को रोका जा सके।
वायरल हो रहे कई वीडियो संदेशों में यह देखा जा रहा है कि चीन में फंसे हुए ये पाकिस्तानी छात्र खुलेआम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की त्वरित कार्रवाई के लिए उनकी तारीफ कर रहे हैं और वहीं अपने पाकिस्तान के सरकार की इस बात के लिए खिंचाई कर रहे हैं कि दुख की इस घड़ी में भी उन्हें बचाने के लिए कोई पहल नहीं की गई।
पाकिस्तान की सरकार ने अपने इस खास सहयोगी देश के साथ 'एकजुटता' दिखाते हुए अपने नागरिकों को वहां से निकालने से इनकार कर दिया है। वीडियो में मास्क पहने नजर आ रहे पाकिस्तानी मेडिकल छात्रों के एक समूह ने कहा, 'भारतीय छात्र वापस लौट रहे हैं क्योंकि उनकी सरकार ने उन्हें यहां से वापस ले जाने के लिए विमानों को भेजा है... हम हमारी सरकार से पूछना चाहते हैं कि क्या वे हमारे मरने का इंतजार कर रहे हैं? यदि नहीं, तो?’ तो कृपया हमें जल्द से जल्द यहां से वापस ले जाने की व्यवस्था कर दें।‘ एक छात्रा को वीडियो में यह कहते हुए देखा गया, 'ब़ड़े अफसोस की बात है कि हमारे दूतावास ने कहा है कि मौत अल्लाह की इच्छा है, जो किसी भी जगह आ सकती है।' चीन में लगभग 30 हजार पाकिस्तानी रहते हैं, जिनमें से 500 से अधिक छात्र कोरोना वायरस प्रकोप से त्रस्त वुहान शहर में है।
मेरा केवल यही कहना है कि प्राकृतिक आपदा, युद्ध या महामारी जैसी मुसीबतों में लोगों को कैसे बचाना है और किस तरह जल्दी से जल्दी उन तक मदद पहुंचानी है, इस तरह के मामलों में नरेन्द्र मोदी एक्सपर्ट हैं। मोदी इस तरह की परिस्थितियों में बड़ी बारीकी से एक-एक पहलू का ध्यान रखते हुए ऐसी योजना बनाते हैं जिसे सफलता से अंजाम दिया जा सके। गुजरात के विनाशकारी भूकंप के बाद राहत और पुनर्वास के लिए नरेंद्र मोदी ने अपने व्यापक अनुभवों का भरपूर इस्तेमाल किया। इसके अलावा आपको याद होगा कि मोदी ने युद्ध प्रभावित इराक और यमन में फंसी भारतीय नर्सों को सुरक्षित निकालने के लिए ऑपरेशन चलाया था। केदारनाथ में आई भयानक प्राकृतिक आपदा के बाद वहां फंसे गुजरात के पर्यटकों को निकालने के लिए मोदी खुद उत्तराखंड गए थे। उस वक्त वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
नरेन्द्र मोदी हमेशा अडवांस प्लानिंग पर भरोसा करते हैं। इसीलिए जब चीन में फंसे भारतीयों को लेने एयर इंडिया का विमान गया तो उससे पहले ही दिल्ली और हरियाणा में चीन से वापस आने वाले लोगों की जांच और उनके इलाज के लिए अलग से हॉस्पिटल का इंतजाम हो चुका था। मानेसर में आईटीबीपी ने जहां लोगों के अलग रहने की व्यवस्था की वहीं सेना का अस्पताल किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार था। ये बड़ी बात है। लेकिन अपने नागरिकों के प्रति पाकिस्तान सरकार के रूख को देखकर हैरानी होती है। अगर पाकिस्तान के पास रिसोर्सेज नहीं हैं तो मुझे पूरा यकीन है कि अगर इमरान खान, नरेंद्र मोदी से अपील करेंगे और मदद मांगेगे, तो भारत जरूर पाकिस्तान के लोगों को भी उसी तरह बचा लेगा जैसे यमन में फंसे पाकिस्तानियों और अन्य देशों के नागरिकों को बचाया था। (रजत शर्मा)
देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 04 फरवरी 2020 का पूरा एपिसोड