एक साहसिक आर्थिक उपाय के तौर पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने शुक्रवार को घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स की दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत करने की घोषणा की। इस घोषणा का उद्देश्य ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देना है। नई विनिर्माण कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स को 25 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है।
इन वित्तीय बदलावों को अध्यादेश के जरिए अमल में लाया जाएगा। सरकार ने यह उपाय सही समय पर किया है क्योंकि जीडीपी की वृद्धि दर इस बार घटकर 5 प्रतिशत रह गई थी, जो बीते 6 सालों में सबसे कम है। पिछले 3 हफ्तों में यह तीसरी बार था जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने व्यापार और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए घोषणाएं की हैं। यह घोषणा एक तरह से ऐतिहासिक थी। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज सेंसक्स ने 2,000 अंकों की जबर्दस्त छलांग लगाई जो कि पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा है। देश के अग्रणी उद्योगपतियों ने ‘एक जबर्दस्त सुधार’ के रूप में सरकार के इस कदम का स्वागत किया है।
स्वाभाविक रूप से सरकारी खजाने को सालाना 1.45 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है, क्योंकि इससे राजकोषीय घाटा बढ़ सकता है, लेकिन कुल मिलाकर इससे निश्चित रूप से व्यापार और अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। पिछले कई महीनों के दौरान व्यावसायिक परियोजनाओं में कोई नया निवेश नहीं किया गया था और विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा निवेश में भारी कमी आई थी। सीतारामन का साहसिक कदम इन चिंताओं को दूर कर देगा। इसके साथ ही पिछले बजट में सुपर रिच इनकम टैक्स देने वालों पर भारी अधिभार लगाने के फैसले पर भी पुनर्विचार होना चाहिए और इसे संशोधित किया जाना चाहिए। (रजत शर्मा)
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