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Hindi News भारत राष्ट्रीय Rajasthan: सुनवाई सोमवार के लिए स्थगित, पायलट और असंतुष्ट विधायकों को 4 दिन की राहत मिली

Rajasthan: सुनवाई सोमवार के लिए स्थगित, पायलट और असंतुष्ट विधायकों को 4 दिन की राहत मिली

असंतुष्ट विधायकों की याचिका की सुनवाई कर रही खंडपीठ ने शुक्रवार शाम मामले की सुनवाई स्थगित कर दी और इसकी अगली सुनवाई के लिये सोमवार पूर्वाह्न 10 बजे का समय निर्धारित किया है। 

Rajasthan Politcial Update Sachin Pilot case next hearing on monday । Rajasthan: असंतुष्ट MLAs' की - India TV Hindi Image Source : PTI असंतुष्ट MLAs' की याचिका पर सोमवार को अगली सुनवाई, विधानसभा अध्यक्ष मंगलवार तक नहीं कर सकेंगे कार्रवाई

जयपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस के खिलाफ असंतुष्ट विधायकों की याचिका पर सुनवाई सोमवार के लिये स्थगित कर दी। इससे सचिन पायलट और  कांग्रेस के 18 अन्य असंतुष्ट विधायकों को जारी अयोग्यता नोटिसों पर स्पीकर की किसी कार्रवाई से शुक्रवार को चार दिनों के लिये राहत मिल गई।

असंतुष्ट विधायकों की याचिका की सुनवाई कर रही खंडपीठ ने शुक्रवार शाम मामले की सुनवाई स्थगित कर दी और इसकी अगली सुनवाई के लिये सोमवार पूर्वाह्न 10 बजे का समय निर्धारित किया है। स्पीकर के वकील ने अदालत को आश्वस्त किया कि मंगलवार शाम साढ़े पांच बजे तक नोटिस पर कोई आदेश जारी नहीं किया जाएगा।

इससे पहले, स्पीकर सीपी जोशी ने अदालत को पत्र लिख कर कहा था कि नोटिस पर शुक्रवार शाम पांच बजे तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। उनके वकील इस समय सीमा को मंगलवार शाम पांच बजे तक बढ़ाने के लिये सहमत हो गये क्योंकि याचिका पर आदेश आना अभी बाकी है। याचिका में नोटिस को कांग्रेस की एक शिकायत के आधार पर चुनौती दी गई है, जिसमें पार्टी ने कहा था कि पार्टी व्हिप की अवज्ञा करने को लेकर विधायकों को राजस्थान विधानसभा की सदस्यता के लिये अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए।

मुख्य न्यााधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता की पीठ ने कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी से असंतुष्ट विधायकों की याचिका पर शनिवार तक जवाब दाखिल करने को कहा। जोशी ने स्पीकर के समक्ष शिकायत दी थी। पायलट खेमे ने दलील दी है कि पार्टी का व्हिप तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा होता है।

स्पीकर को दी गई अपनी शिकायत में कांग्रेस ने पायलट और अन्य बागी विधायकों के खिलाफ संविधान की 10वीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। विधायक सदन में जिस पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, उसकी सदस्यता यदि अपनी मर्जी से त्याग देते हैं तो यह प्रावधान उक्त विधायक को अयोग्य करार देता है।

कांग्रेस का दावा है कि विधायकों के आचरण से यही मतलब निकलता है। लेकिन असंतुष्ट खेमे ने कहा कि पायलट ने पार्टी छोड़ने के इरादे के बारे में कभी संकेत नहीं दिया है। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत करने के बाद पायलट को उप मुख्यमंत्री पद से और प्रदेश कांग्रेस इकाई प्रमुख पद से बर्खास्त कर दिया गया है। 

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