जयपुर: राजस्थान सरकार ने 23 मार्च को अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने के संबंध में जारी पुलिस सर्कुलर को तत्काल वापस लेने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने स्पष्ट किया कि सर्कुलर उनकी संज्ञान के बिना जारी किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता चला है कि मेरी जानकारी के बिना अधिकारियों ने एक सर्कुलर जारी किया है जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हुई है। मैंने निर्देश दिया है कि इसमें किसी प्रकार का भ्रम पैदा नहीं करे। मैंने इस संबंध में गृहमंत्री और पुलिस मुख्यालय को निर्देश दिये हैं कि आवश्यक स्पष्टीकरण का पत्र जारी करें। सरकार एससीएसटी के अधिकारों की रक्षा के लिये कृत संकल्प है।
अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के संबंध में केन्द्र सरकार ने (2 अप्रैल) पहले ही पुनर्विचार याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दायर की है जिसका राज्य सरकार ने समर्थन किया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (नागरिक अधिकार) की ओर से जारी सर्कुलर में सभी जिला पुलिस अधीक्षकों, पुलिस आयुक्तों को एससीएसटी कानून के नये दिशा निर्देशों को लागू करने के निर्देश दिये गये थे। देशभर में उच्चतम न्यायालय द्वारा अधिनियम पर दिये निर्णय पर दलितों ने विरोध प्रर्दशन किया था। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि राज्य सरकार भी इस मामले में पक्षकार बने और भारत सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में दायर पुनर्विचार याचिका का समर्थन करे। इन निर्देशों के क्रम में दिल्ली स्थित राज्य सरकार के अतिरिक्त महाअधिवक्ता को निर्देश दे दिये हैं।
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