मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अधिवेशन में राज ठाकरे ने अपने संबोधन में कहा कि बांग्लादेश और पाकिस्तान के घुसपैठियों को देश से भगाने के लिए वे 9 फरवरी को एक बड़ी रैली निकालेंगे। उन्होंने कहा, 'अन्य देशों की तरह भारत को भी थोड़ा कड़क होना पड़ेगा। हम एक ज्वालामुखी पर बैठे हैं। बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए मुसलमानों को बाहर भेजने के मुद्दे पर मैं केंद्र सरकार का समर्थन करता हूं।'
राज ठाकरे ने सीएए के विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने वाले लोगों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा-'सीएए के बहाने जो मुसलमान आज सड़क पर हैं, जो मोर्चे निकले, उनमें भारतीय मुसलमान कितने थे और बाहर के कितने थे? अगर यहां के मुसलमानों ने उनका साथ दिया तो क्यों हमने इनको पाला-पोसा?'
वहीं उन्होंने कहा कि अगर किसी ने मुझे मराठी समझकर या हिंदू समझकर नाखून भी लगाया तो मैं छोड़ूंगा नहीं। मैं मराठी भी हूं और हिंदू भी हूं। मैंने धर्मांतरण नहीं किया हैं। पार्टी के झंडे पर उन्होंने कहा-' पिछले साल भर से मैं सोच रहा था की राजमुद्रा वाला यह झंडा लाऊ.. ये सिर्फ संयोग हैं की यह झंडा अभी आया है। उन्होंने कहा कि हमने दो झंडा लाया है। राजमुद्रा वाला झंडा चुनाव के दौरान इस्तमाल नहीं करेंगे। जनसंघ ने भी अपना झंडा बदला था.. हम पहले नहीं हैं।'
राज ठाकरे ने कहा-जब मैने पार्टी की स्थापना की थी तब कई लोग आए बोले की आपकी पार्टी के झंडे में हरा रंग हो..ये रंग हो वो रंग हो। तब उन लोगों ने कहा की सोशल इंजीनियरिंग हैं। इस अधिवेशन के बहाने यह झंडा आपके सामने लाया। ये महाराज की राजमुद्रा हैं.. इसलिए जब भी इसे हाथ में लो तो वह टेढ़ा-मेढ़ा नहीं हो सकता।
Latest India News