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Hindi News भारत राष्ट्रीय अगस्त-सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना, भारत मौसम विभाग ने दी जानकारी

अगस्त-सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना, भारत मौसम विभाग ने दी जानकारी

भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को कहा कि अगस्त-सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है जो चार महीने के मानसून का उत्तरार्द्ध है।

 People bathe in the Yamuna river after its water level increases in Vrindavan on Monday.- India TV Hindi Image Source : PTI  People bathe in the Yamuna river after its water level increases in Vrindavan on Monday.

नयी दिल्ली। भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को कहा कि अगस्त-सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है जो चार महीने के मानसून का उत्तरार्द्ध है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने अगस्त के लिए जारी अनुमान में बताया कि इस महीने में भी मानसून के सामान्य रहने की संभावना है। 

मोहपात्रा ने ऑनलाइन ब्रीफिंग में बताया, “अगस्त से सितंबर 2021 के दौरान समूचे देश में वर्षा के सामान्य (दीर्घावधि औसत के 95 से 105 प्रतिशत) होने की संभावना है और इसके सामान्य के सकारात्मक पक्ष में होने की प्रवृति है।” वर्ष 1961-2010 की अवधि के लिए पूरे देश में अगस्त से सितंबर की अवधि की वर्षा दीर्घवधि (एलपीए) 428.3 मिमी है। हर साल आईएमडी दक्षिण पश्चिम मानसून के अगस्त-सितंबर के महीनों के लिए पूर्वानुमान जारी करता है जो बरसात की चार महीने की ऋतु के आखिरी दो महीने होते हैं। 

आईएमडी ने कहा कि स्थानिक वितरण से पता चलता है कि देश के उत्तर, पूर्व और पूर्वी हिस्से के कई क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। उसने बताया कि प्रायद्वीपीय भारत और उससे सटे मध्य भारत के अधिकतर हिस्सों मे सामान्य से लेकर सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है। आईएमडी ने इस साल मानसून के चार महीने के लिए माहवार पूर्वानुमान जारी करना शुरू किया है। 

मोहपात्रा ने कहा, “पूरे देश में अगस्त में औसत वर्षा सामान्य से (एलपीए का 94 से 106 फीसद) होने की संभावना है।” 1961 -2010 की अवधि के लिए पूरे देश में अगस्त की वर्षा एलपीए का 258.1 मिमी है। आईएमडी के मुताबिक, स्थानिक वितरण से पता चलता है कि मध्य भारत के कई क्षेत्रों और उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से नीचे से लेकर सामान्य बारिश होने की संभावना है। उन्होंने कहा, “प्रायद्वीप भारत और पूर्वोत्तरी भारत के अधिकतर भागों पर सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।” 

मोहपात्रा ने कहा कि वर्तमान में समुद्र सतह तापमान (एसएसटी) और भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर पर वायुमंडीलय स्थितियां तटस्थ ईएनएसओ (अल नीनो) की स्थितियों का संकेत देती हैं। भारतीय मानसून को प्रभावित करने वाले कारकों में से एक एसएसटी है। मध्य और पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्र सतह का तापमान ठंडा होने की प्रवृत्ति दिखा रहा है। 

आईएमडी के मुताबिक, नवीनतम पूर्वानुमानों से पता चलता है कि ईएनएससो की तटस्थ स्थिति मानसून ऋतु के शेष भाग के दौरान जारी रहने की संभावना है और मानसून ऋतु के अंत में या उसके बाद ला नीना स्थिति के फिर से उभरने की संभावना है। ला नीना प्रशांत महासागर के पानी के ठंडा होने से जुड़ा है, जबकि अल नीनो का संबंध पानी के गर्म होने से है। 

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