नई दिल्ली: रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि रेलवे सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी के उम्मीदवारों को 10 प्रतिशत आरक्षण मुहैया कराने वाला पहला सरकारी विभाग बनने को तैयार है और अगले दो वर्षों में करीब 23000 नौकरियां मुहैया कराएगा।
गोयल ने कहा कि रेलवे अगले 6 महीनों में करीब 1.31 लाख कर्मचारियों की भर्ती करेगा और अगले दो वर्षों में करीब एक लाख और कर्मचारियों की भर्ती करेगा। भारतीय रेलवे में 15,06,598 कर्मचारियों का मंजूर संख्या बल है। इनमें से 12,23,622 कर्मचारी वर्तमान में कार्यरत हैं। बाकी 2,82,976 पद खाली हैं।
रेलमंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रेलवे में 1,51,548 पदों की भर्ती चल रही है, इससे 1,31,428 पद अभी भी खाली हैं। उन्होंने कहा कि तकरीबन 53,000 रेलवे कर्मचारी 2019..2020 में और 46000 कर्मचारी 2020..2021 में सेवानिवृत्त होंगे। इससे करीब एक लाख लोगों के लिए अतिरिक्त रिक्ति बनेगी।
गोयल ने कहा कि रेलवे की योजना अगले दो वर्षों में चार लाख नौकरियां मुहैया कराने की है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने अग्रिम में योजना बनाई है ताकि रेलवे में अब कोई भी पद खाली नहीं रहे। जब भी सेवानिवृत्ति होगी, पद भर दिए जाएंगे। इसके अलावा रेलवे नए संशोधन के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 प्रतिशत आरक्षण मुहैया कराने वाला पहला सरकारी विभाग बन जाएगा जिसमें अगले दो वर्षों में उनके लिए 23 हजार नौकरियां आरक्षित की जाएंगी। यद्यपि इससे वर्तमान में अन्य वर्गों जैसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अन्य के लिए आरक्षण प्रभावित नहीं होगा।’’
भर्तियां दो चरणों में की जाएंगी। 1,31,328 पदों के लिए ताजा भर्ती का पहला चरण फरवरी-मार्च 2019 में शुरू किया जाएगा। सरकार की आरक्षण नीति के तहत (इस चरण में) करीब 19715, 9857 और 35485 पद क्रमश: अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित होंगे।
रेल मंत्री ने कहा कि यह चरण अप्रैल-मई 2020 तक पूरा हो जाएगा। करीब 99000 कर्मियों की भर्ती का दूसरा चरण सेवानिवृत्ति से खाली हुए पदों के लिए शुरू किया जाएगा।
रेलवे ने कहा कि आरक्षण नीति के तहत करीब 15000, 7500, 27000 और 10000 पद (दूसरे चरण में) अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रहेंगे।
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