मुम्बई: भारतीय रेल अब अपने इतिहास को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर नए अंदाज में उतारने जा रहा है। अपने इतिहास के प्रदर्शन के इरादे से रेल मंत्रालय ने स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में 22 स्टेशनों पर ‘‘डिजिटल संग्रहालय’’ शुरू करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा अलग रेल संग्रहालय के विकास में रेलवे के धन खर्च पर आपत्ति जताये जाने के बाद मंत्रालय ने यह फैसला किया।
रेलवे बोर्ड निदेशक (धरोहर) द्वारा आठ अगस्त को संभागीय रेलवे प्रबंधकों को जारी सूचना पत्र में मंत्रालय ने 26 मार्च को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में हुई चर्चा का हवाला दिया गया है। रेलवे के पत्र में कहा गया, ‘‘और अधिक रेलवे संग्रहालय के विकास में धन निवेश करने की कोई आवश्यकता नहीं है। स्टेशन की दीवारों पर डिजिटल संग्रहालय बनाये जा सकते हैं, जिसमें उचित प्रौद्योगिकी की मदद से इसके इतिहास एवं मौजूदा विकास कार्यों की जानकारी दी जा सकती है।’’
इसमें कहा गया है कि बैठक की पृष्ठभूमि में मंत्रालय ने ‘‘ऐसे 22 रेलवे स्टेशनों पर प्रायोगिक योजना शुरू करने का फैसला किया है, जहां ट्रू कलर डिजिटल मल्टीमीडिया स्क्रीन पहले से ही उपलब्ध हैं।’’ इस प्रायोगिक योजना के लिये जिन स्टेशनों का चयन किया गया है उनमें हावड़ा, सियालदह, लखनऊ, वाराणसी, रायबरेली, सुल्तानपुर, प्रयाग, अंबाला, नयी दिल्ली, दिल्ली, हजरत निजामुद्दीन, आगरा कैंटोनमेंट, गोरखपुर, गुवाहाटी, कटिहार, न्यू जलपाईगुड़ी, जयपुर, इरोड, कोयंबटूर, सिकंदराबाद, विजयवाड़ा एवं बेंगलूरू शामिल हैं। बहरहाल इस पत्र में मुंबई स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस भवन को संग्रहालय में तब्दील करने के फैसले के बारे में कुछ नहीं कहा गया है।
Latest India News