रेलवे ने यात्रा के दौरान डिजिटल आधार और ड्राइविंग लाइसेंस को दी मंजूरी
रेल यात्रा के दौरान अब यात्री डिजिटल आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस दिखा कर भी आरक्षित श्रेणी में सफर कर सकते हैं।
नई दिल्ली: रेल यात्रा के दौरान अब यात्री डिजिटल आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस दिखा कर भी आरक्षित श्रेणी में सफर कर सकते हैं। रेल मंत्रालय ने डिजिटल लॉकर से वैध पहचान प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किए जाने वाले आधार और ड्राइविंग लाइसेंस को रेलयात्रा के दौरान पहचान के लिए वैधता प्रदान की है। मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा गया है, "रेल मंत्रालय ने डिजिटल लॉकर से वैध पहचान प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किए जाने वाले आधार और ड्राइविंग लाइसेंस के विषय की समीक्षा की है और यह निर्णय लिया गया है कि ट्रेन में यात्रा करते समय यात्री अपने डिजिटल लॉकर अकाउंट के जारी दस्तावेज सेक्शन से आधार/ड्राइविंग लाइसेंस दिखाते हैं तो इन पहचानों को वैध प्रमाण माना जाएगा, लेकिन यह स्पष्ट किया जाता है कि यूजर द्वारा 'अपलोडेड डॉक्यूमेंट' में अपलोड किए गए दस्तावेज पहचान के वैध प्रमाण नहीं माने जाएंगे।"
अब तक आरक्षित श्रेणी में यात्रा के दौरान जिन प्रमाण पत्रों को पहचान पत्र के तौर पर वैध माना जाता था, उनमें भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी फोटो युक्त पहचान पत्र, पासपोर्ट, आयकर विभाग द्वारा जारी पैनकार्ड, आरटीओ द्वारा जारी ड्राइविंग लाइसेंस, केंद्र/राज्य सरकार द्वारा जारी क्रम संख्या वाला फोटो युक्त पहचान पत्र, मान्यता प्राप्त स्कूल/कॉलेज द्वारा विद्यार्थियों को प्रदान किए गए फोटो युक्त पहचान पत्र, फोटो के साथ राष्ट्रीयकृत बैंक की पासबुक, लेमिनेटिड फोटो के साथ बैंकों द्वारा जारी क्रेडिट कार्ड, आधार, एम-आधार और ई-आधार कार्ड, राज्य/ केंद्र सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठान, जिला प्रशासन, पालिका प्रशासन और पंचायत द्वारा क्रमसंख्या के साथ जारी फोटो पहचान पत्र शामिल हैं।
मंत्रालय ने कहा कि कंप्यूटरीकृत यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) केंद्रों द्वारा बुक किए गए आरक्षित टिकटों के मामले में शयनयान तथा द्वितीय आरक्षित सीटिंग श्रेणियों में यात्रा करने के लिए फोटो के साथ राशनकार्ड की फोटो कॉपी, फोटो के साथ राष्ट्रीयकृत बैंक के पासबुक को भी स्वीकार किया जाएगा।