कोरोना संदिग्ध तबलीगियों की तलाश में छापे, मौलाना साद को पुलिस का नोटिस, कई हिरासत में
दिल्ली पुलिस अपराध शाखा ने दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में ताबड़तोड़ छापे मारे। कई संदिग्धों को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ भी शुरू कर दी है।
नई दिल्ली: निजामुद्दीन स्थित मरकज तबलीगी जमात मुख्यालय मामले में बुधवार से शुरू छापामारी गुरुवार देर रात तक जारी रही थी। दिल्ली पुलिस अपराध शाखा ने दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में ताबड़तोड़ छापे मारे। कई संदिग्धों को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ भी शुरू कर दी है। हालांकि इस पर फिलहाल दिल्ली पुलिस मुंह खोलने को राजी नहीं है। उधर सूत्र बताते हैं कि, एफआईआर दर्ज होने के बाद से फरार चल रहे मौलाना मो. साद कंधावली को दिल्ली पुलिस ने पूछताछ का नोटिस थमा दिया है।
मौलाना के पास भेजी गई है नोटिस
पुलिस सूत्रों के ही मुताबिक, यह नोटिस मौलाना को सीधे तो नहीं पहुंच पाया है, बल्कि इसे मौलाना के बेहद करीबी और FIR में नामजद दूसरे आरोपी के जरिये भेजा गया है। दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ‘गुरुवार को उन सभी संभावित इलाकों में और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बाहर भी वांछितों को तलाशा गया है। एफआईआर में नामजद मरकज तबलीगी जमात मुख्यालय प्रमुख मौलाना साद के बारे में काफी कुछ सुराग मिले हैं। उम्मीद है वे जल्दी ही दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के सामने होंगे।’
ग्रेटर नोएडा से मिले 2 कोरोना संदिग्ध
दूसरी ओर गुरुवार को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा कसे गये शिकंजे का ही परिणाम था कि दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा इलाके से पुलिस ने 2 उन कोरोना संदिग्धों को दबोच लिया, जो तबलीगी जमात पहुंचे थे। डीसीपी ग्रेटर नोएडा (जोन-तीन) राजेश कुमार सिंह ने गुरुवार देर रात बताया, ‘गिरफ्तार दोनो आरोपी मो. आजम और दानिश खान ने कबूला भी है कि, वे 11 और साथियों के साथ तबलीगी हेडक्वार्टर से गायब हुए थे। छिपने के लिए सब राजस्थान के अलवर पहुंचे। वहां पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। आजम और दानिश वहां से बच निकले थे। इनके साथ भागे हुए 3 अन्य लोगों के गाजियाबाद में छिपे होने की संभावना है।’
‘वक्त आने पर खुलकर सामने आएंगे मौलाना’
दिल्ली पुलिस अपराध शाखा सूत्रों के मुताबिक, ‘फरार मौलाना साद को नोटिस सर्व कराया जा चुका है। मौलाना फिलहाल फरार हैं। यह नोटिस उन्हें ब-जरिये उन्हीं के खास भिजवाया गया है। नोटिस के जरिए कहा गया है कि, वे जल्दी से जल्दी पुलिस जांच में शामिल हों।’ इसके बारे में IANS ने मौलाना साद के कुछ करीबियों से बातचीत भी की और उन्होंने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, ‘मौलाना साद भागे कहीं नहीं हैं। वक्त रहने पर वे खुलकर सामने आयेंगे। सब बातें बतायेंगे। साद साहब के न मिलने पर पुलिस से मिला नोटिस साद साहब के करीबी और FIR में नामजद दूसरे खास शख्स को रिसीव करा दिया गया है।’
FIR दर्ज होने के बाद कई आरोपी फरार!
जमात और दिल्ली पुलिस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, ‘जिस वांछित आरोपियों में से एक को मौलाना साद के नाम भेजा गया पुलिस नोटिस दिया गया है, वह इस वक्त खुद भी तुलगकाबाद स्कूल में बनाये गये क्वारंटाइन होम में एहतियातन रखा गया है।’ एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही 6-7 आरोपियों में से अधिकांश फरार बताये जाते हैं। एफआईआर में नामजद जमात के अधिकांश वे पदाधिकारी कार्यकर्ता शामिल हैं, जो 23-24 मार्च को निजामुद्दीन थाने में बनाये गये और फिर वायरल हुए एसएचओ इंस्पेक्टर मुकेश वालिया के साथ मीटिंग करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
अभी नहीं हो सकती अधिकांश तबलीगियों से पूछताछ
दिल्ली पुलिस अपराध शाखा सूत्रों के मुताबिक, ‘जिन जिन फरार या गायब हुए तबलीगी यात्रियों के बारे में स्पेशल ब्रांच से पता चला है, उनमें से भी गुरुवार को कई से पूछताछ की गयी। समस्या यह आ रही है कि, इनमें से अधिकांश को क्वारंटाइन करके रखा गया है। लिहाजा उनसे पूछताछ में अभी और समय लगेगा। क्योंकि जब तक स्वास्थ्य विभाग इजाजत नहीं देगा, दिल्ली में मिल चुके 160 विदेशी तबलीगी यात्रियों से भी पूछताछ तकरीबन असंभव है।’